ASI father's three son's son Sub-Inspector: Jharkhand
किसी भी पिता का सपना होता है बेटा उससे बेहतर करे। अगर तीन बच्चे हैं तो एक जरूर उसके नौकरी के क्षेत्र में आए। बाराटोला (पलामू, झारखंड) के निवासी और पुलिस में एएसआइ की नौकरी करने वाले अगस्त दुबे की इच्छा भी इससे अलग नहीं थी। उनको उम्मीद भी नहीं रही होगी कि तीनों बच्चे एक-साथ ऐसी कामयाबी हासिल करेंगे। तीनों बच्चे एक ही परीक्षा से दारोगा बन गए। अगस्त दुबे से एक रैंक ऊपर। तीसरा छोटा भाई ऋषिकेश जीएलए कॉलेज से बीएससी पास करने के बाद घर पर तैयारी कर रहा था। इंजीनियरिंग छोड़ कर दारोगा परीक्षा में जाने के सवाल पर नितेश ने कहा कि सरकारी नौकरी में भविष्य सुरक्षित है। माता-पिता भी सरकारी नौकरी में जाने को प्रेरित करते थे। बिकेश की इच्छा आगे और बेहतर पद के लिए तैयारी की है। ऋषिकेश ने कहा कि पुलिस की नौकरी में जाकर समाज सेवा की इच्छा है। आगे और बेहतर करने के लिए परिश्रम जारी रहेगा।
बच्चों ने उनका सपना पूरा किया तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। बारालोटा गांव के निवासी अगस्त दुबे के पुत्र नितेश दुबे, बिकेश दुबे व ऋषिकेश दुबे ने एक साथ पुलिस सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में सफलता पाई। नितेश व बिकेश ने बी-टेक किया है। नितेश कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंजीनियरिंग कॉलेज से बी-टेक करने के बाद प्राइवेट जॉब में थे। बिकेश हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय से बी-टेक कर घर पर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे थे।