Friday, March 29, 2024
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बीजेपी: जिन्ना की विरासत के लिए ओवैसी से प्रतिस्पर्धा कर रहे राहुल..

SI News Today
BJP: Rahul competing against Owaisi for Jinnah's legacy ..
   

बीजेपी ने राहुल गांधी के ‘मैं कांग्रेस हूं’ वाले ट्वीट को विपक्षी पार्टी के मुस्लिम परस्त पार्टी होने संबंधी उनके कथित बयान की स्वीकारोक्ति बताया और दावा किया कि कांग्रेस अध्यक्ष पाकिस्तान के संस्थापक एमए जिन्ना की विरासत के लिए एआईएमआईएम अध्यक्ष असादुद्दीन ओवैसी से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी ने अभी तक उस टिप्पणी से इनकार नहीं किया है जो चर्चा में है. उन्होंने कहा कि तीन दिनों से देश की जनता राहुल गांधी से उनकी तथाकथित मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बैठक में एक उर्दू अखबार की खबर के अनुसार कांग्रेस के मुस्लिमों की पार्टी होने के बयान के बाद कुछ सवाल पूछ रही थी.

पात्रा ने कहा कि उनसे सवाल पूछा जा रहा था कि क्या कांग्रेस देश को बांटने वाली और तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. यह भी पूछा है कि क्या आपने यह कहा था कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है या ऐसा नहीं कहा था. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि एक दिन कांग्रेस चुप रहती है और दूसरे दिन कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के नेता कहते हैं कि कुछ भी गलत नहीं कहा गया है. उन्होंने कहा कि मंगलवार को राहुल गांधी ने चार पांच पंक्तियों का एक ट्वीट किया है जिसमें उन्होंने कहीं पर भी खंडन नहीं किया है. ‘यदि यह खंडन नहीं है तो इसे स्वीकारोक्ति कहा जाएगा.’ पात्रा ने कहा कि उन्होंने (राहुल) अपने ट्वीट के माध्यम से एक तरह से स्वीकार किया कि कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है.

उन्होंने दावा किया कि यह कांग्रेस का सब सोचा समझा षड्यंत्र है. बैठक बंद कमरे में होती है और वह संदेश को देने के लिए गुपचुप तरीके से मीडिया में लीक कराती है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि इस बात के उजागर होने से देश के सेकुलर ताने बाने को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राहुल गांधी ने रफू करने का प्रयास किया है और ट्वीट किया कि कांग्रेस पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति के साथ है. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन्ना की विरासत के लिए राहुल गांधी और ओवैसी में प्रतिस्पर्धा है. यूपीए सरकार के दौरान धार्मिक आधार पर जनगणना कराने का प्रयास किया गया था. संबित पात्रा ने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और ओवैसी अपनी जिन्नावादी विचारधारा के आधार पर देश को बांटने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन वे सफल नहीं होंगे.

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