Friday, April 19, 2024
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ईमानदार मुख्यमंत्री के दामन पर कालिख पोतते कैबिनेट मंत्री मोती सिंह

SI News Today

जहाँ एक ओर प्रदेश की योगी सरकार अपनी ईमानदार छवि और विकास के कार्यों को लेकर अपनी सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल का गुणगान कर रही है,वहीं दूसरी ओर उनके ही कैबिनेट के ग्रामीण अभियंत्रण मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह’मोती’ की कारगुज़ारियों का वाइरल हो रहा एक वीडियो सरकार के चेहरे पर कालिख पोतता नज़र आ रहा है।
बीते 18 मार्च को राजा भैया के कुंडा राजभवन की बेंती कोठी पर प्रतापगढ़ सहकारी बैंक के चेयरमैन डॉ के०एन०ओझा ने पूर्व काबीना मंत्री राजा भैया के सामने सूबे के वर्तमान मंत्री मोती सिंह की जिन बातों का खुलासा किया,वास्तव में बेहद चौकाने वाली हैं। वीडियो में चेयरमैन यह साफ कहता नज़र आ रहा है कि मोती सिंह कैसे उससे बैंक में एक गलत आर्थिक अपराध कराना चाहते थे,जिसमे वह जेल भी जा सकता था। यही नही वीडियो में यह भी बताया गया कि कैसे मोती सिंह जिले की प्रभारी मंत्री स्वाती सिंह के प्रशासनिक कामों में अड़ंगा खड़ा करने का काम करते हैं। जिस पर राजा भैया द्वारा कैबिनेट मंत्री के जिला योजना की बैठक जिसकी अध्यक्षता राज्यमंत्री और जिले की प्रभारी मंत्री कर रही हो उसमें अपना प्रोटोकॉल तोड़कर जाने की बात पर टिप्पणी भी की गयी है।
यही नहीं मंत्री मोती सिंह ने सहकारी बैंक के चेयरमैन पर गलत काम करने का दबाव डालने के लिए किस प्रकार प्रशासनिक मशीनरी एडिशनल एस पी,सी ओ और लाव लश्कर का उपयोग किया गया यह बात भी वीडियो में सामने आई है। सूबे के कैबिनेट मंत्री का प्रोटोकॉल तोड़कर सहकारी बैंक के बोर्ड की मीटिंग में डायरेक्टर के रूप में पहुंचना और चैयरमैन पर धौंस का इस्तेमाल कर बोर्ड की मीटिंग को स्थगित कराना मंत्री के सरकारी पद के दुरुपयोग के साथ ही उनकें कार्यकलापों पर कई और सवालिया निशान खड़ा करता है।
मोती सिंह प्रतापगढ़ में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हमेशा ही विवाद का विषय रहे हैं। उन पर कार्यकर्ताओं को पिटवाने और उनकी जी हुज़ूरी न करने वाले कार्यकर्ताओं को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाने का आरोप लंबे समय से लगता आया है।अभी हाल ही में भाजपा प्रदेश संगठन से जिले में संगठन का काम करने के लिए जिला विस्तारक के रूप में भेजे गए पूर्णकालिक कार्यकर्ता चंदौली निवासी अदित्यकान्त के भाजपा जिला कार्यालय पर पुलिस द्वारा पीटे जाने की घटना की साजिश में काबीना मंत्री का नाम प्रमुखता से सामने आया था,जिसमें उन पर आरोप था कि काबीना मंत्री की अपनी विधानसभा पट्टी में जिलाविस्तारक आदित्यकान्त ने संगठन का काम न करने वाले मंत्री जी के कुछ पिट्ठुओं को बाहर कर उनकी जगह भाजपा के समर्पित कार्यकर्ताओं को पद दे दिया था। सूत्रों के अनुसार यही बात मंत्री जी को इतना नागवार गुजरी कि अपनी विधानसभा के देवसरा थाने के थानेदार से कहकर मंत्री जी ने नए पदाधिकारी की पिटाई तो कराई ही,इसके साथ ही उस दौरान सीओ सिटी रहे रवि सिंह से कहकर भाजपा जिला कार्यालय पर जिलाविस्तारक को भी पिटवाकर लॉकअप में डलवा दिया था। संगठन के लोगों के हस्तक्षेप के बाद किसी तरह आदित्यकांत रिहा हुए और अगले दिन से कार्यकर्ताओं ने जिले में प्रशासन कि इस हरकत के खिलाफ आंदोलन शुरू कर दिया।आनन-फानन में पुलिस के लोगों पर कार्यवाही हुई और मंत्री जी की कारगुज़ारियों का खामियाजा विभाग को भुगतना पड़ा।
सूत्रों की मानें तो मंत्री जी पर सरकार में अपने पद का दुरुपयोग कर अपने बेटे के नाम से कई सौ करोड़ रुपये का ठेका लेने का भी आरोप है,जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्री और विधायकों को सत्ता के दुरुपयोग और लाभ से दूर रहने की हिदायतें सरकार बनते ही दी थीं, बावजूद इसके काबीना मंत्री ने मुख्यमंत्री के आदेशों को धता बताते हुए अभी तक कई सौ करोड़ रुपये का टेंडर अपने बेटे को दिला चुके हैं।
फूलपुर और गोरखपुर लोकसभा चुनाव परिणाम को भाजपा कार्यकर्ताओं के सरकार के प्रति अपनी नाराज़गी और आक्रोश को व्यक्त करने का संकेत मान रहे राजनीतिक पंडितों का कहना है कि जबतक ऐसे दागदार और निरंकुश मंत्री सरकार का अंग बनकर कार्यकर्ताओं और जनता का शोषण करते रहेंगें और अपनी झोली भरते रहेंगे तब तक 2019 की राह भाजपा के लिए आसान होती नही दिख रही।

SI News Today
Pushpendra Pratap singh

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