आने वाले वक्त में रेलवे के प्रोजेक्ट्स की निगरानी ड्रोन करेंगे। रेलवे के मुताबिक ड्रोन (UAV/NETRA) का इस्तेमाल केवल प्रोजेक्ट्स की निगरानी के लिए नहीं, बल्कि कई तरह के रेलवे एक्टिविटीज की मॉनीटिरिंग के लिए किया जाएगा। सोमवार को जारी एक स्टेटमेंट में रेलवे ने इस बात की जानकारी दी। स्टेटमेंट के मुताबिक, “सभी जोनल रेलवे को इस तरह के ड्रोन कैमरा का इंतजाम करने के निर्देश दे दिए गए हैं। ये कदम सुरक्षा और क्षमता बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल किए जाने के विजन के चलते उठाया गया है।”
रेलवे में किस तरह की मॉनीटरिंग करेंगे ड्रोन?
1) रिलीफ एंड रेस्क्यू ऑपरेशन
2) प्रोजेक्ट्स
3) इम्पॉर्टेंट वर्क्स
4) ट्रैक मेंटेनेंस/कंडीशन मॉनीटिरिंग
5) नॉन इंटरलॉकिंग वर्क्स
6) क्राउड मैनेजमेंट
7) स्टेशन यार्ड सर्वे
ड्रोन मॉनीटरिंग से क्या फायदा होगा?
– ट्रैक्स की सेफ्टी और मेंटेनेंस के अलावा दूसरे रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर्स की ड्रोन के जरिए मॉनीटिरिंग से रियल टाइम जानकारी हासिल करना संभव हो सकेगा।
सिग्नल फेल्योर से निपटने के लिए क्या तैयारी है?
– कुछ दिन पहले रेलवे ने कहा था कि सिग्नल फेल होने की आशंकाओं को कम करने के लिए जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाएगा। रेलवे सिग्नल सिस्टम की रिमोट कंडीशनिंग और मॉनिटरिंग के जरिए ट्रेन ऑपरेशन्स को सही रखना चाहता है। एक ऑफिशियल के मुताबिक, फिलहाल इस सिस्टम का इस्तेमाल ट्रायल बेस पर किया जाएगा।
अभी कहां ये सिस्टम लागू है?
– ऑफिशियल के मुताबिक, “सिग्नल्स की रिमोट मॉनिटिरिंग अभी ब्रिटेन में होती है। सिस्टम 3G, 4G और हाईस्पीड मोबाइल जैसे वायरलेस मीडियम के जरिए ट्रांसफर किए गए डाटा का आकलन करता है। इन इनपुट्स से मिले डाटा के बेस पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए सिग्नल फेलियर की भविष्यवाणी की जाती है। इसके आधार पर ऑटोमेटेड सेल्फ करेक्शन के साथ इन फेलियर्स से निपटने की स्ट्रैटजी तैयार की जाती है।”