भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो पत्रकार रवीश कुमार से जुड़ा है। जिसमें वो ‘अपनी पार्टी से मांग करता हूं’ जैसे शब्द कहते हुए नजर आ रहे हैं। अमित मालवीय ने यही वीडियो शेयर करते हुए लिखा है, ‘पत्रकार की कौन सी पार्टी होती है?’ हालांकि जब वीडियो की सच्चाई सामने आई तो वो बहुत चौंकाने वाली थी। क्योंकि जिस वीडियो को शेयर किया गया है उससे छेड़छाड़ की गई लगती है। आल्ट न्यूज के अनुसार रवीश के इस वीडियो से छेड़छाड़ की गई और अमित मालवीय द्वारा उन्हें बदमान करने की साजिश रची गई है।
गौरतलब है जिस वीडियो को शेयर किया गया है उसमें रवीश कह रहे हैं, ‘जब तक ये व्यक्ति माफी नहीं मांगेगा और मैं अपनी पार्टी के लोगों से कहता हूं कि ये राष्ट्रवादी हिंदुत्व नहीं, राष्ट्रवादी नहीं है।’ जिस वीडियो को शेयर किया गया है वो रवीश द्वारा प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में दस मिनट की स्पीच का है। हालांकि ये वीडियो सिर्फ 11 सेकेंड है। आल्ट न्यूज के अनुसार रवीश उस दौरान एक राजनीतिक पार्टी पर कटाक्ष कर बोल रहे थे कि पत्रकार की कौन सी पार्टी होती है? जबकि वीडियो से छेड़छाड़ कर, मैं अपनी पार्टी के लोगों से कहता हूं, कहा गया है।
जबकि रवीश ने अपनी दस मिनट की स्पीच में कहा था कि प्रधानमंत्री चीन और बर्मा से जब लौटे तो पहला काम ये करे कि वो दधिची (पत्रकरा गौरी लंकेश की मौत उनके खिलाफ अपशब्द लिखने वालाे) को अनफॉलो करें और बताएं की हमसे गलती हुई है। जब तक ये व्यक्ति माफी नहीं मांगेगा और मैं पार्टी के लोगों से कहता हूं कि ये राष्ट्रवादी हिंदुत्व, राष्ट्रवादी नहीं है। ये हम सबको एक नागरिक के तौर पर प्रधानमंत्री से मांग करनी चाहिए।
जानकारी के लिए बता दें कि पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के बाद रवीश कुमार खुलकर सामने आए। उन्होंने मीडिया पर भी जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा मीडिया तो समाप्त हो गया है, चमचे बचे हैं। रोज रात को एंकरिंग करते हैं, पहले काम छिप के होता था, अब आते हैं टाई-कोट पहन के नौ बजे और उनका एजेंडा आगे बढ़ाते हैं। मानिए या मत मानिए ये न्यूज एंकर आज के बाहुबली हैं, इनको सरकार ने भले ना नियुक्त किया हो, लेकिन इन्होंने खुद को सरकार का गुंडा मान लिया है। ये लोग सोचते हैं कि हम जो चाहेंगे करेंगे। किसी ने नहीं देखा कि उनका (गौरी लंकेश) का क्या योगदान था, बस गालियां देनी शुरू कर दीं। रवीश ने आगे हिंदू संस्कृति का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या हिंदू समाज में यही सिखाया जाता है कि कोई मर जाए तो अगले ही दिन से उसको गाली देना शुरू कर दिया जाए। हिंदू धर्म में तो 13 दिन शोक किया जाता है। हिंदू का कायदा ऐसा तो नहीं है कि किसी की मौत को 13 घंटे भी नहीं हुए और आप उसको कुतिया लिखने लगें।