Thursday, April 18, 2024
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केदारनाथ: मंत्रोच्‍चार के बीच खुले बाबा केदारनाथ के कपाट!

SI News Today

भक्तों के लिए रविवार (29 अप्रैल) सुबह 6:15 से भगवान केदारनाथ के कपाट मंत्रोच्चार के साथ खुल गए. इस मौके पर राज्यपाल डॉ के के पॉल, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल और हरिद्वार से सांसद डा. निशंक मौजूद रहे. इस बार मंदिर परिसर कुछ अलग नजर आएगा. दरअसल, राज्य सरकार द्वारा केदारनाथ धाम के आसपास निर्माण कार्य कराया गया है. बता दें कि मंदिर के प्रवेश द्वार को विशेष रूप से सुसज्जित कराया गया है, जिसकी धाम से दूरी 273 मीटर की है. हजारों भक्तों की मौजूदगी में मंदिर के कपाट सुबह 6.15 बजे खोले गए. तड़के चार बजे से कपाट खुलने की प्रक्रिया शुरू हो गई थी. जलाभिषेक, रुद्राभिषेक समेत सभी धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होने के बाद सुबह सवा छह बजे 12वें ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोले गए.

केदारनाथ के जुड़े तथ्य
* मान्यता है कि पांडवों ने की थी केदारनाथ मंदिर की स्थापना
* 8वीं सदी में आदिशंकराचार्य ने मंदिर का नवनिर्माण और जीर्णोद्धार किया
* केदारनाथ के कपाट अक्ष्य तृतीय से लेकर भाई दूज तक श्रद्धालुओं के लिए खुले रहते हैं
* केदारनाथ उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जिले में स्थित है. यह स्थान समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर हिमालय पर्वत के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित है…समुद्रतल से 3584 मीटर की ऊँचाई पर स्थित होने के कारण चारों धामों में से यहाँ पहुँचना सबसे कठिन है.
* केदारनाथ को हिन्दुओं के पवित्रतम स्थानों यानी चार धामों में से एक माना जाता है और धार्मिक ग्रंथों में उल्लिखित बारह ज्योतिर्लिंगों में से सबसे ऊँचा ज्योतिर्लिंग यहीं पर स्थित है.
* चार धाम यात्रा उत्तराखंड राज्य में स्थित गंगोत्री, यमनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ की यात्रा को कहते हैं
* 30 अप्रैल मतलब को बद्रीनाथ के कपाट भी खुलने हैं.. केदारनाथ के संबंध में मान्यता है कि जो व्यक्ति केदारनाथ के दर्शन किये बिना बद्रीनाथ की यात्रा करता है, उसकी यात्रा निष्फल जाती है
* ऐसा माना जाता है कि जब भगवान शंकर बैल के रूप में अंतर्धान हुए, तो उनके धड़ से ऊपर का हिस्सा काठमाण्डू में प्रकट हुआ. अब वहां पशुपतिनाथ का मंदिर है. शिव की भुजाएं तुंगनाथ में, मुख रुद्रनाथ में, नाभि मद्महेश्वर में और जटा कल्पेश्वर में प्रकट हुए. इसलिए इन चार स्थानों सहित केदारनाथ को पंचकेदार कहा जाता है. यहां शिवजी के भव्य मंदिर बने हुए हैं.

दर्शन का समय
* केदारनाथ मन्दिर दर्शनार्थियों के लिए प्रात: 6:00 बजे खुलता है.
* दोपहर तीन से पाँच बजे तक विशेष पूजा होती है और उसके बाद विश्राम के लिए मन्दिर बन्द कर दिया जाता है.
* शाम 5 बजे जनता के दर्शन के लिए मन्दिर खोला जाता है.
* पाँच मुख वाली भगवान शिव की प्रतिमा का विधिवत श्रृंगार करके 7:30 बजे से 8:30 बजे तक नियमित आरती होती है, रात्रि 8:30 बजे केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग का मन्दिर बन्द कर दिया जाता है.
* कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ की पंचमुखी प्रतिमा को ‘उखीमठ’ में लाया जाता हैं. इसी प्रतिमा की पूजा यहाँ भी रावल करते हैं.

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