Tuesday, March 26, 2024
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नहीं रहे वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नय्यर, दिल्ली के अस्पताल में ली अंतिम साँस

SI News Today

No senior journalist Kuldeep Nayyar, in the hospital of Delhi, last breath.

   

वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नय्यर का कल बुधवार 22 अगस्त देर रात को नई दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। दोपहर एक बजे लोधी रोड स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। कुलदीप नैय्यर काफी दशकों से पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय थे । उन्होंने कई किताबें भी लिखी थीं । नय्यर जी का जन्म 14 अगस्त, 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था । उनकी प्रारम्भिक शिक्षा सियालकोट में हुई थी । इसके अलावा उन्होंने कानून की पढ़ाई लाहौर से तथा पत्रकारिता की डिग्री USA से ली थी। कई वर्षों तक उन्होंने भारत सरकार के प्रेस सूचना अधिकारी के पद को भी संभाला । बाद में वे यू॰एन॰आई॰, पी॰आई॰बी॰, ‘द स्टैट्समैन’, ‘इण्डियन एक्सप्रेस’ के साथ लम्बे समय तक जुड़े रहे। साथ ही वे 25 वर्षों तक वे The Times के संवाददाता भी रहे।

नय्यर जी ने अपने कैरियर की शुरुआत एक उर्दू रिपोर्टर के रूप में की थी । वह दिल्ली के समाचार पत्र (द स्टेट्समैन) के संपादक थे। पत्रकारिता जगत में कई सालों तक सक्रिय रहने के साथ ही वे राज्य सभा के सांसद भी रह चुके थे। पत्रकारिता के साथ ही उन्होंने कई किताबे भी लिखी है ।

“बिटवीन द लाइन्स’, ‘डिस्टेण्ट नेवर : ए टेल ऑफ द सब काॅनण्टीनेण्ट’, ‘इण्डिया आफ्टर नेहरू’, ‘वाल एट वाघा, इण्डिया पाकिस्तान रिलेशनशिप’, ‘इण्डिया हाउस’, ‘स्कूप’ (सभी अंग्रेज़ी में)।” उन दिनों कुलदीप नय्यर जी द्वारा लिखी उनकी आत्म कथा ‘द डे लुक्स ओल्ड’काफी चर्चित रही थी । सन् 1985 से उनके द्वारा लिखे गये ‘ सिण्डिकेट कॉलम ‘ विश्व के अस्सी से ज्यादा पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहे हैं। इसके अलावा वह डेक्कन हेराल्ड (बेंगलुरु), द डेली स्टार, द संडे गार्जियन, द न्यूज, द स्टेट्समैन, द एक्सप्रेस ट्रिब्यून पाकिस्तान, डॉन पाकिस्तान, प्रभासाक्षी सहित 80 से अधिक समाचार पत्रों के लिए 14 भाषाओं में कॉलम और ऐप-एड लिखते थे।

वे अपने शांति और मानवाधिकार को लेकर लिखे गए आलेखों के लिए जाने जाते थे । कुलदीप नैयर पर छद्म धर्मनिपेक्ष होने के साथ साथ हिंदू विरोधी होने के का भी आरोप समय समय पर लगता रहा है। लेकिन इन सब आरोपों के बावजूद भी उनकी कलम नहीं रुकी ।

कुलदीप नय्यर जी को उनकी पत्रकारिता और लेखन कार्य के क्षेत्र में कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है । सन 2014 में सरहद संस्था की अोर से संत नामदेव राष्ट्रीय पुरस्कार से ज्येष्ठ पत्रकार कुलदीप नैय्यर को नवाजा गया था । इससे पहले ये पुरस्कार विजयकुमार चोपडा, एस॰ एस॰ विर्क, गुलजार, यश चोपड़ा, माँटेक सिंह अहलुवालिया, जतिंदर पन्नू, सत्यपाल सिंह, के॰ पी॰ एस॰ गिल को दिया गया था । 23 नवम्बर, 2015 को वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक कुलदीप नैयर को पत्रकारिता में आजीवन उपलब्धि के लिए रामनाथ गोयनका स्मृ़ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्हें यह पुरस्कार दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में केद्रीय मंत्री अरुण जेटली द्वारा प्रदान किया गया था ।

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