Rs 2,000 monthly will be sent from today to 10 million farmers, know how farmers will become beneficiaries.
#TransformingIndia #PMKisanYojana #NarendraModi
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने महत्वाकांक्षी योजना जिसका नाम प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि है, आज उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में उसकी शुरुआत की. इस कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहे. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत देश के एक करोड़ से अधिक छोटे किसानों के बैंक खाते में 2 हजार रुपये की पहली किस्त डाल दी जाएगी. कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले दो-तीन दिन में अन्य एक करोड़ किसानों तक यह लाभ पहुंचाया जाएगा.
केंद्र में मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में ही पीएम-किसान योजना का ऐलान किया था. इसके तहत दो हेक्टेयर तक जोत रखने वाले 12 करोड़ छोटे एवं सीमांत किसानों को सालाना 6,000 रुपये की नकद सहायता देने की घोषणा की गई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा था कि, “रविवार एक ऐतिहासिक दिन है! प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत गोरखपुर से होगी. इस योजना से कड़ी मेहनत करने वाले करोड़ों भारतीय किसानों की आकांक्षाओं को पर लग जाएंगे, जो हमारे देश का पोषण करते हैं.”
आज 1 करोड़ 1 लाख किसानों के बैंक खातों में #PMKisan की पहली किस्त ट्रांसफर करने का सौभाग्य मिला। यह मेरे लिए बहुत भावुक क्षण था।
हमारे अन्नदाता देशवासियों का पेट भरने के लिए दिन-रात परिश्रम करते हैं। उनके कल्याण के लिए काम करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। pic.twitter.com/brCI8cLeuA
— Narendra Modi (@narendramodi) February 24, 2019
उन्होंने कहा, “पीएम किसान सम्मान निधि की शुरुआत दो चीजों को दिखाता हैः किसानों के कल्याण के प्रति राजग की अटूट प्रतिबद्धता एवं तेज निर्णय की प्रक्रिया–एक फरवरी को घोषित योजना इतने कम समय में हकीकत का रूप लेने जा रही है. यह नए भारत की नई कार्य-संस्कृति है.”
देश में उठ रहे गहे बगाहे किसान आंदोलनों के लिए ये एक अच्छा सन्देश भी है कि केंद्र सर्कार उनके हितों को नज़रअंदाज़ नहीं कर रही है. यह योजना कृषि क्षेत्र की दिक्कतों को दूर करने की केंद्र की कोशिशों का हिस्सा है. खाद्यान्न की बंपर पैदावार की वजह से किसानों को उनकी उपज का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसानों में नाराजगी है. देश में उठ रहे गहे बगाहे किसान आंदोलनों के लिए ये एक अच्छा सन्देश भी है कि केंद्र सर्कार उनके हितों को नज़रअंदाज़ नहीं कर रही है.