Prime Minister Modi paid tribute to Ladakhi spiritual leader Bakula!
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को एक दिन के जम्मू-कश्मीर दौरे पर हैं. वो यहां जोजिला सुरंग की आधारशिला रखेंगे जो लद्दाख और देश अन्य हिस्सों को जोड़ेगा. पीएम मोदी यहां पहुंचते ही लद्दाखी आध्यात्मिक नेता कुशाक बाकुला की सौवीं जयंती समारोह में शामिल हुए.
प्रधानमंत्री 330 मेगावाट की किशनगंगा बिजली प्रोजेक्ट का भी उद्घाटन करेंगे. इस प्रोजेक्ट की प्रगति की प्रधानमंत्री कार्यालय ने निगरानी की थी. वह शहर की डल झील पर स्थित शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशनल सेंटर से इसका उद्घाटन करेंगे.
क्या है प्रधानमंत्री का कार्यक्रम?
– प्रधानमंत्री 14 किलोमीटर लंबी महत्वाकांक्षी जोजिला सुरंग की आधारशिला रखेंगे जो देश को लद्दाख से हर मौसम के लिए जोड़ेगी. यह भारत की सबसे लंबी सड़क सुरंग और एशिया की सबसे लंबी दो दिशा वाली सुरंग होगी. इसे 6,800 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाएगा.
– इसके बाद पीएम मोदी लद्दाखी आध्यात्मिक नेता कुशाक बाकुला की सौवीं जयंती समारोह में शामिल होंगे.
– श्रीनगर में 330 मेगावाट की किशनगंगा बिजली परियोजना का उद्घाटन करेंगे और 42 किलोमीटर लंबे श्रीनगर रिंग रोड की आधारशिला रखेंगे. इसकी लागत 1,860 करोड़ रुपए है.
– जम्मू में 58 किलोमीटर लंबे जम्मू रिंग रोड का उद्घाटन करेंगे. इसे 2023 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जा रहा है.
– जम्मू में शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगे. साथ ही वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मेटेरियल रोपवे और तारकोट मार्ग का उद्घाटन करेंगे.
– प्रधानमंत्री एक पनबिजली परियोजना का भी उद्घाटन करेंगे.
प्रधानमंत्री के जम्मू-कश्मीर दौरे को देखते हुए कार्यक्रम स्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. प्रधानमंत्री के दौरे से पहले, एनडीए सरकार ने रमजान के पवित्र महीने के दौरान सद्भावना के तौर पर सशर्त एकतरफा संघर्षविराम का ऐलान किया है. प्रधानमंत्री के दौरे ने आतंकवाद से ग्रस्त कश्मीर घाटी के लोगों में आशा पैदा की है. पिछले साल अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में मोदी ने कहा था, ‘ना गाली से समस्या सुलझने वाली है, ना गोली से, समस्या सुलझेगी हर कश्मीरी को गले लगाने से.’
हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के उदारवादी धड़े के अध्यक्ष मीरवाइज उमर फारूक ने ट्वीट किया, ‘मोदी, सभी लोग कुछ साल से आपकी ‘मन की बात’ सुनते आ रहे हैं. चूंकि कल (शनिवार) आप आ रहे हैं, हम कश्मीरियों को लाल चौक पर शांतिपूर्वक ढंग से इकट्ठा होने दें ताकि आप हमारे ‘मन की बात’ सुनें. यह बस तीन शब्द हैं: कश्मीर विवाद का समाधान.’