Friday, February 14, 2025
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यात्री रेलों के घंटों लेट होने की वजह- कारोबारियों के अनुसार मालगाड़ियों का चलवाना

SI News Today

Reasons for delaying the passenger train – because Freight-Train is running according to the businessmen.

 

जो मालगाड़ी कभी रुक-रुककर या यात्री गाड़ियों के जाने के बाद चला करती थीं, वही अब आजकल सारी एक्सप्रेस और सुपरफास्ट रेल कछुआ चल से चलती हैं और मालगाड़ियां फर्राटे भरते हुए उनसे आगे निकल जाती हैं, एक तरह से आप ये कह सकते हैं कि मालगाडिय़ों ने यात्री रेलों की रफ्तार को ब्रेक लगा दिया है। इसकी वजह जानकार आपको यकीन नहीं होगा कि रेल प्रशासन जिसे लाइन की मरम्मत होने की वजह से लेट बताता है उसकी वजह मरम्मत नहीं बल्कि मालगाड़ी का बड़े बड़े कारोबारियों के इशारे पर चलना हैं। इस बात को दबी जुबान से रेल प्रशासन और उसके अधिकारी स्वीकार करते है।कारोबारियों का माल लेकर मालगाड़ी लखनऊ से मुरादाबाद साढ़े चार घंटे में पहुंच जाती है जबकि सुपर फास्ट ट्रेनें 8 घंटे में पहुंच रही हैं। ट्रेनें लेट होने से जहां एक ओर यात्री परेशान हो रहे हैं, वहीं भीषण गर्मी के चलते एकाध की जान भी चली गई है।

इस बात की गवाही मंगलवार की घटना देती है। पंजाब की ओर जाने वाली दो मालगाड़ी में बड़ी कंपनी का स्टील लदा था। मालगाड़ी को चलाने के लिए राप्ती गंगा एक्सप्रेस को कटघर स्टेशन पर रोक दिया गया जबकि, उसमें गंभीर रूप से बीमार यात्री के इलाज के लिए चिकित्सक मुरादाबाद स्टेशन पर ट्रेन आने का इंतजार कर रहे थे। इसके बाद भी ट्रेन को 1 घंटे तक रोके रखा गया और 2 मालगाड़ी व 1 पैसेंजर को पास कर दिया गया। इसके चलते बीमार बुजुर्ग महिला को इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गई, जबकि यही राप्ती गंगा एक्सप्रेस सोमवार को मुजफ्फरपुर से निर्धारित समय दोपहर 2 बजे चली। गोरखपुर रात 8.55 बजे के स्थान पर 9.45 बजे पहुंचकर चल दी। इस ट्रेन को रात 3 बजे लखनऊ पहुंच जाना चाहिए था लेकिन, मंगलवार सुबह 8 बजे पहुंची। यानी ट्रेन को लखनऊ पहुंचने में निर्धारित 5 घंटे के बजाय 10 घंटे लगे। इसका कारण ट्रेन को बीच-बीच में रोककर 10 मालगाड़ी को निकालना रहा।

बड़ी कंपनियों का माल लेकर सुलतानपुर, प्रतापगढ़, फैजाबाद, कानपुर मार्ग होकर मालगाड़ी लखनऊ पहुंच जाती हैं। वहां से इन मालगाडिय़ों को एक मार्ग मुरादाबाद होकर रुद्रपुर, बरेली, गाजियाबाद, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश की फैक्ट्री तक कच्चा माल लेकर भेजा जाता है। इसी मार्ग से ताप विद्युत उत्पादन इकाई के लिए कोयला लेकर मालगाड़ी जाती हैं। इससे ट्रैक पर भारी भीड़ होती जा रही है। यही हाल लखनऊ-कानपुर रूट का है। यहां अधिसंख्य गाड़ियां घंटों के हिसाब से लेट रहती हैं।

वहीँ एक रेल अधिकारी ने बताया है कि – “केंद्र सरकार का आदेश है कि बिजली उत्पादन ठप न हो, इसलिए कोयले से लदी मालगाडिय़ों को बिना रोके चलाया जा रहा है। मालगाडिय़ों को प्राथमिकता पर चलाने के आदेश हैं।” रेलवे ने आय बढ़ाने के लिए व्यापारियों और बड़ी कंपनियों से करार किया है। कम से कम समय में मालगाड़ी को गंतव्य तक पहुंचाने का ठेका लिया है। मालगाड़ी को कम समय में गंतव्य तक पहुंचने के लिए कंट्रोल रूम में 24 घंटे अधिकारियों को बैठाए रखा गया है। जो बिना रोके मालगाड़ी को चलाते हैं।

ऐसे में सोचने वाली वाली बात ये है कि आम जनता की सवारी कही जाने वाली रेल अब उसी गरीब जनता के लिए जेल बनती जा रही है, क्यूंकि फायदा रेल को ही है चाहे ट्रैन लेट रहे तो रेस्ट रूम से किराया वसूल कर और चाहे मालगाड़ी से।

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