मशहूर अदाकारा श्रीदेवी का शनिवार रात दुबई में निधन हो गया. उनके निधन पर फिल्मी जगत से लेकर आम लोगों तक में शोक की लहर है. मीडिया के माध्यम से लोगों के शोक संदेश लगातार सामने आ रहे हैं. इसी में एक संदेश केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का भी है जो श्रीदेवी की बड़ी प्रशंसक मानी जाती हैं.
ईरानी ने श्रीदेवी से जुड़ी एक याद ताजा करते हुए बताया, वो एक बड़े मंच पर अकेली खड़ी थीं. लेकिन उन्होंने वो सारी खाली जगह अपने चार्म से भर दी. उनके अलावा यह कोई और नहीं कर सकता था. श्रीदेवी से जुड़ी मेरी आखिरी याद यही है. वह गोवा फिल्म फेस्टिवल में शामिल होने के लिए पहुंची थीं.
ईरानी ने कहा, जब मैंने श्रीदेवी को गोवा आने पर शुक्रिया कहा तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया जो हमेशा मेरे साथ रहेगा. श्रीदेवी ने कहा, ‘यहां नहीं आती को कहां जाती?’ श्रीदेवी शिष्टता की जीती-जागती तस्वीर थीं. श्रीदेवी के साथ मेरी यादें एक फैन से लेकर एक्ट्रेस बनने और अब एक नेता बनने तक जुड़ी हैं. मुझे कई मौकों पर उनसे मिलने का मौका मिला और हर बार मैं उनके बारे में थोड़ा और जानकर वापस लौटी. वह एक ऐसी महिला थीं जो अपने आप से वाकिफ थीं. जिंदगी में आने वाली तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए वे बेहतरीन ढंग से आगे बढ़ीं. मेरे अंदर के एक्टर को उनकी फिल्म चालबाज, चांदनी, सदमा और लम्हें जैसी फिल्मों से काफी प्रेरणा मिली.
श्रीदेवी का फिल्मी सफर
फिल्म इंडस्ट्री में श्रीदेवी का काफी बड़ा योगदान रहा है. श्रीदेवी ने हिंदी फिल्मों के अलावा तेलगु, तमिल, कन्नड़ और मलयाली फिल्मों में भी काम किया है. पिछले साल उनकी फिल्म मॉम रिलीज हुई थी जिसमें उनके काम की जमकर तारीफ भी हुई थी. उनके साथ इस फिल्म में अक्षय खन्ना और नवाजुद्दीन सिद्दीकी जैसे कलाकार थे.
13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु में जन्मीं श्रीदेवी ने महज 4 साल की उम्र से एक बाल कलाकार के रूप में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. बॉलीवुड में उन्हें पहली फिल्म 1978 में मिली जिसका नाम था सोलवां सावन. उसके करीब 5 साल बाद जीतेंद्र के साथ उनकी फिल्म हिम्मतवाला से श्रीदेवी के काम को बॉलीवुड में एक पहचान मिली.
उसके बाद फिर उन्होंने कभी अपने करियर में पीछे मुड़कर नहीं देखा. मवाली, तोहफा, मिस्टर इंडिया, चांदनी, चालबाज, लम्हे, गुमराह जैसी फिल्मों ने श्रीदेवी को नंबर वन अभिनेत्री बना दिया.