Solar panels will run fans, lights and charging slots for the First time in the Rail Coach.
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पहली बार रेल के कोच में सोलर पैनेल का इस्तेमाल होने जा रहा है जिससे पंखे, लाइट और चार्जिंग स्लॉट काम करेंगे। इसके साथ ही ऊर्जा संकट से निपटने में भी मदद मिलेगी, ऊर्जा समस्या सदैव से ही हमारे देश की मुख्य समस्या रही है। जिससे निपटने के लिए सरकार ने ऊर्जा स्त्रोतों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। देश की रेलवे लाइन पर बड़े पैमाने में पॉवर की आवश्कता होती है सोलर पैनल के इस्तेमाल से रेलवे को पर्याप्त ऊर्जा प्राप्त हो पायेगी ।
रेलवे कोच में सोलर पैनल के लगने से यात्रिओं को पंखे लाइट और चार्जिंग स्लॉट की सुविधाएँ मिल पायेगी हर कोच में 120 किलोग्राम के वजन का पैनेल इन्सटॉल किया जायेगा जो 15 से 20 यूनिट (KWH) ऊर्जा का उत्सर्जन करेगा। सोलर एनेर्जी से यात्रियों की पॉवर की जरुरतें पूरी हो सकेगी ।
सोनल पैनल इंडियन रेलवे ऑरगैनाइजेशन फॉर अल्टरनेट फ्यूल्स (IROAF) द्वारा विकसित किया गया है। इससे पहले इन्हे डेमू (DEMU) में लगया जा चुका है। जिसकी सफलता के बाद अब मेन कोच लाईन की रेल के लिए भी इन्हे इस्तेमाल किया जायेगा। रेलवे ने सोलर पैनेल से सीतापुर दिल्ली रिवाड़ी पैसेन्जर ट्रेन का सफल संचालन शुरु भी कर दिया है। सोलर पैनल के लिए रेलवे ने ऐसी सवारी गाड़ियों को चुना है जिनमें लो पॉवर की समस्या थी। सोलर पैनल के लगने से इन गाड़ियों की लो पॉवर की समस्या समाप्त हो जाएगी। ये ट्रेन हैं- 54255/56 वाराणसी वाया प्रतापगढ़, 54334/33 लखनऊ वाया फैजाबाद, 14203/04 वाराणसी-लखनऊ इंटरसिटी। उम्मीद है कि जल्दी ही सभी सवारी गाड़ियों में सोलर एनेर्जी यानि स्वच्छ एनेर्जी का इस्तेमाल हो।
इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए मेंमर रॉलिंग स्टॉक(MRS) या रेलवे बोर्ड ने IROAF को निर्देश दिया है कि सवारी गाड़ियों की छत पर पीवी पैनेल्स फिट किए जायें। इससे सवारी गाडियों के धीमे चलने के कारण लो बैटरी की समस्या से निजात मिल सकेगा। ये पैनल वजन में ना सिर्फ बेहद हल्के हैं बल्कि इन्हे लगाना भी बेहद आसान है जिसका उत्पादन भारत में ही SAIL लिमिटेड नाम की कम्पनी कर रही है।