देश में महान विभूतियों की प्रतिमाओं को गिराने या उसे क्षतिग्रस्त करने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नया मामला पश्चिम बंगाल का है। अराजक तत्वों ने स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की मूर्ति तोड़ दी है। रामनवमी के जुलूस के बाद भड़की हिंसा के दौरान अबुल कलाम आजाद की मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना राज्य के उत्तरी 24 परगना जिले के कनकीनारा की है। यहां रविवार (25 मार्च) को हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई थी। बताया जाता है कि उपद्रवियों द्वारा अबुल कलाम की प्रतिमा गिराने के बाद हिंसा भड़क गई थी। रामनवमी के मौके पर पश्चिम बंगाल के विभिन्न इलाकों में हिंसा हुई थी। मौके पर बड़ी तादाद में लोग मौजूद थे। पत्थरबाजी करने के अलावा आगजनी भी की गई थी।
बता दें कि जुलूस निकालने के दौरान हिंसा को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने राज्य के पुलिस महानिदेशक को ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। दो लोगों की मौत के साथ ही दर्जनों लोगों के घायल होने की पुष्टि की गई है। बता दें कि रामनवमी के मौके पर हथियार के साथ जुलूस निकालने को लेकर सीएम ममता ने आगाह किया था। बीजेपी, आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों ने सशस्त्र जुलूस निकालने की बात कही थी।
त्रिपुरा से शुरू हुआ था मूर्ति तोड़ने का सिलसिला: पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में भाजपा द्वारा विधानसभा चुनाव में अप्रत्याशित जीत हासिल करने के बाद साम्यवादी नेता लेनिन की मूर्ति तोड़ दी गई थी। इसमें भाजपा कार्यकर्ताओं के शामिल होने की बात कही गई थी। इसके बाद तमिलनाडु में पेरियार, पश्चिम बंगाल में ही श्यामा प्रसाद मुखर्जी, केरल में महात्मा गांधी और उत्तर प्रदेश में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को या तो तोड़ डाला गया था या फिर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। मध्य प्रदेश के जबलपुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा को लाल रंग से पोतने की घटना सामने आई थी। तमिलनाडु में भाजपा के एक नेता ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर पेरियार की मूर्ति तोड़ने की बात कही थी, जिसके बाद उनकी प्रतिमा को नुकसान पहुंचा गया था।