कर्नाटक में 12 मई को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इस कारण राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू है. इसका नतीजा यह हुआ कि 62 फुट ऊंची, 750 टन भारी बजरंग बली की सफेद रंग की प्रतिमा 15 घंटे जाम में फंस गई. दरअसल ये मूर्ति कोलार से पूर्वी बेंगलुरु के कचाराकनाहल्ली जा रही थी लेकिन आवश्यकता से अधिक बड़े वाहन में इसको जब ले जाया जा रहा था तो एनएच-48 पर सोमवार रात पुलिस ने इसको रोक लिया. पुलिस को प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का संभावित मामला लगा.लिहाजा इसको शहर से 35 किमी दूर होसकोटे के निकट रोक दिया गया. मामला चुनाव आयोग तक पहुंचा और उनके हस्तक्षेप के कारण 15 घंटे बाद इसको जाने की अनुमति मिली. रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट से जुड़े श्री रामा चैतन्य वर्द्धिनी ट्रस्ट ने यह जानकारी दी. हालांकि इस दौरान यह मूर्ति 300 पहियों वाले एक रथनुमा वाहन में सड़क पर फंसी रही. नतीजतन एनएच-48 (पुराने मद्रास रोड) पर घंटों भारी जाम लगा रहा.
अधिकारी सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि ट्रस्ट के मेंबरों ने मूर्ति को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के लिए अनुमति मांगी लेकिन उनको इस शर्त के साथ अनुमति दी गई थी कि इस कारण यदि सड़क क्षतिग्रस्त हुई तो उसको ठीक कराने की जिम्मेदारी उनकी होगी. हालांकि इसके साथ ही यह भी कहा कि सोमवार शाम को हो सकता है कि उनको इसलिए रोक दिया गया हो कि क्या उनके पास मूर्ति को ट्रांसपोर्ट करने के लिए जरूरी दस्तावेज हैं या नहीं? मंगलवार को उनको आगे बढ़ने की अनुमति दे दी गई. बेंगलुरू ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों का कहना है कि उनको इस मामले की जानकारी नहीं है क्योंकि ये उनके अधिकार क्षेत्र के बाहर का मामला है.
बजरंग बली की सबसे ऊंची प्रतिमा
इसके निर्माण से जुड़े ट्रस्ट का कहना है कि जब इसकी स्थापना हो जाएगी तो 62 फुट ऊंची यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा होगी. अभी बजरंग बली की सबसे ऊंची प्रतिमा 57 फुट की है जो हासन जिले के श्रवणबेलगोला में स्थापित है. ट्रस्ट के मुताबिक 62 फुट ऊंची इस प्रतिमा की चौड़ाई 12 फुट है. इसके निर्माण में कुल 10 करोड़ खर्च होंगे. इसको एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे.