The British metro line design will now run in Kolkata.
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कोलकाता में नई लाइन ईस्ट-वेस्ट मेट्रो की सवारी का लुत्फ़ लोग जल्दी ही उठाने वाले हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस डिज़ाइन को बहुत साल पहले ब्रिटिश शासनकाल में ही तैयार कर लिया गया था जोकि इतने सालों बाद कोलकाता नगरपालिका को अचानक से मिला है.
नगरपालिका ने कहा, मेट्रो की यह डिजाइन अंग्रेजों ने वर्ष 1921 में लंदन की ट्यूब प्रणाली के आधार पर इंगलैंड के इंजीनियरों ने तैयार किया गया था. ठीक वही डिज़ाइन कोलकाता नगरपालिका में मिला है.
साल 1921 में भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेज कोलकाता को लंदन जैसा बनाना चाह रहे थे और मेट्रो रेल से कोलकाता शहर को हावड़ा से जोड़ना चाहते थे इसलिए अंग्रेज़ों ने मेट्रो लाइन का यह डिज़ाइन तैयार किया गया था. बता दें कि इस लाइन की दूरी 10.4 किलोमीटर होगी और इसपर नौ स्टेशन होंगे. वही यह लाइन कैनिंग स्ट्रीट, डलहौजी, अमहर्स्ट स्ट्रीट को जोड़ेगी. इस लाइन को बनाने का उद्देश्य शहर को औद्योगिक क्षेत्र से जोड़ना है.
कोई ऐसा सोच भी नहीं सकता कि 98 साल बाद यह डिज़ाइन मिल जायेगा, जिसका प्रयोग मेट्रो को मूर्त रूप देने में काम आएगा. लेकिन अब सवाल ये है कि अचानक से इतने लंबे समय बाद यह सामने कैसे उभर आया?
दरअसल इस मानचित्र को कोलकाता नगरपालिका के गजट में रखा गया था और यह मानचित्र फाइल की समीक्षा के दौरान सामने आया.जोकि यह 1921 से गजट में ही छपा हुआ था.