Friday, March 29, 2024
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1982 में दूरदर्शन टेलीविजन से किया गया पहला रंगीन प्रसारण

SI News Today

The first color broadcast from Doordarshan Television in 1982.

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आज टेलीविजन हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है। यह ग्रीक प्रीफिक्स ‘टेले’ और लैटिन वर्ड ‘विजिओ’ से मिल कर बना है। टेलीविजन का आविष्कार जॉन लोगी बेयर्ड ने 1925 में लंदन में किया था। इसके बाद दुनिया के पहले वर्किग टेलीविजन का निर्माण 1927 में फिलो फा‌र्न्सवर्थ ने किया था, जिसे 1 सितंबर, 1928 को प्रेस के सामने पेश किया गया। बेयर्ड ने कलर टेलीविजन का आविष्कार 1928 में किया था। पब्लिक ब्रॉडकास्टिंग 1940 में हुई थी। उसे लोगों ने 60 के दशक में अपनाना शुरू कर दिया था।

भारत में टेलीविजन प्रसारण की शुरुआत दिल्ली से 15 सितंबर, 1959 को हुई थी। 1972 तक टेलीविजन की सेवाएं अमृतसर और मुंबई के लिए बढ़ाई गईं। 1975 तक भारत के केवल 7 शहरों में ही टेलीविजन की सेवा शुरू हो पाई थी। भारत में कलर टीवी और राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत 1982 में हुई। दूरदर्शन का पहला प्रसारण 15 सितंबर, 1959 को प्रयोगात्‍मक आधार पर आधे घण्‍टे के लिए शैक्षिक और विकास कार्यक्रमों के रूप में शुरू किया गया। 1972 तक टेलीविजन की सेवाएं अमृतसर और मुंबई के लिए बढ़ाई गईं। 1975 तक भारत के केवल सात शहरों में ही टेलीविजन की सेवा शुरू हो पाई थी। उस समय दूरदर्शन का प्रसारण सप्ताह में सिर्फ तीन दिन आधा-आधा घंटे होता था। तब इसको ‘टेलीविजन इंडिया’ नाम दिया गया था बाद में 1975 में इसका हिन्दी नामकरण ‘दूरदर्शन’ नाम से किया गया। यह दूरदर्शन नाम इतना लोकप्रिय हुआ कि टीवी का हिंदी पर्याय बन गया। भारत में कलर टीवी और राष्ट्रीय प्रसारण की शुरुआत 1982 में हुई।

शुरुआती दिनों में दिल्ली भर में 18 टेलीविजन सेट लगे थे और एक बड़ा ट्रांसमीटर लगा था। तब दिल्ली में लोग इसको कौतुहल और आश्चर्य के साथ देखते थे। इसके बाद दूरदर्शन ने धीरे धीरेअपने पैर पसारे और दिल्‍ली (1965); मुम्‍बई (1972); कोलकाता (1975), चेन्‍नई (1975) में इसके प्रसारण की शुरुआत हुई। शुरुआत में तो दूरदर्शन यानी टीवी दिल्ली और आसपास के कुछ क्षेत्रों में ही देखा जाता था। दूरदर्शन को देश भर के शहरों में पहुँचाने की शुरुआत 80 के दशक में हुई और इसकी वजह थी 1982 में दिल्ली में आयोजित किए जाने वाले एशियाई खेल थे। एशियाई खेलों के दिल्ली में होने का एक लाभ यह भी मिला कि श्वेत और श्याम दिखने वाला दूरदर्शन रंगीन हो गया था। फिर दूरदर्शन पर शुरु हुआ पारिवारिक कार्यक्रम हम लोग जिसने लोकप्रियता के तमाम रेकॉर्ड तोड़ दिए। 1984 में देश के गाँव-गाँव में दूरदर्शन पहुँचाने के लिए देश में लगभग हर दिन एक ट्रांसमीटर लगाया गया। इसके बाद आया भारत और पाकिस्तान के विभाजन की कहानी पर बना बुनियाद जिसने विभाजन की त्रासदी को उस दौर की पीढ़ी से परिचित कराया। इस धारावाहिक के सभी किरदार आलोक नाथ (मास्टर जी), अनीता कंवर (लाजो जी), विनोद नागपाल, दिव्या सेठ घर घर में लोकप्रिय हो चुके थे। फिर तो एक के बाद एक बेहतरीन और शानदार धारवाहिकों ने दूरदर्शन को घर घर में पहचान दे दी। दूरदर्शन पर 1980 के दशक में प्रसारित होने वाले मालगुडी डेज़, ये जो है जिन्दगी, रजनी, He-Man, वाहः जनाब, तमस, बुधवार और शुक्रवार को 8 बजे दिखाया जाने वाला फिल्मी गानों पर आधारित चित्रहार, भारत एक खोज, व्योमकेश बक्शी, विक्रम बैताल, टर्निंग प्वाइंट, अलिफ लैला, शाहरुख़ खान की फौजी, रामायण, महाभारत, देख भाई देख ने देश भर में अपना एक खास दर्शक वर्ग ही नहीं तैयार कर लिया था बल्कि गैर हिन्दी भाषी राज्यों में भी इन धारवाहिकों को ज़बर्दस्त लोकप्रियता मिली।

रामायण और महाभारत जैसे धार्मिक धारावाहिकों ने तो सफलता के तमाम कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए थे, 1986 में शुरु हुए रामायण और इसके बाद शुरु हुए महाभारत के प्रसारण के दौरान रविवार को सुबह देश भर की सड़कों पर कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसर जाता था और लोग अपने महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से लेकर अपनी यात्रा तक इस समय पर नहीं करते थे। रामायण की लोकप्रियता का आलम तो ये था कि लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके अगरबत्ती और दीपक जलाकर रामायण का इंतजार करते थे और एपिसोड के खत्म होने पर बकायदा प्रसाद बाँटी जाती थी।

दूरदर्शन की यात्रा के महत्वपूर्ण पड़ाव-
दिल्‍ली (9 अगस्‍त 1984), मुम्‍बई (1 मई 1985), चेन्‍नई (19 नवम्‍बर 1987), कोलकात्ता (1 जुलाई 1988)
26 जनवरी 1993: मेट्रो चैनल शुरू करने के लिए एक दूसरे चैनल की नेटवर्किंग
14 मार्च 1995: अंतर्राष्‍ट्रीय चैनल डीडी इंडिया की शुरूआत
23 नवम्‍बर 1997 : प्रसार भारती का गठन (भारतीय प्रसारण निगम)
18 मार्च 1999: खेल चैनल डीडी स्‍पोर्ट्स की शुरूआत
26 जनवरी 2002: संवर्धन/सांस्‍कृतिक चैनल की शुरूआत
3 नवम्‍बर 2002 : 24 घण्‍टे के समाचार चैनल डीडी न्‍यूज की शुरूआत
16 दिसम्‍बर 2004 : निशुल्‍क डीटीएच सेवा डीडी डाइरेक्‍ट की शुरूआत

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