देश के लोग जहां एक ओर बुलेट ट्रेन के इंतजार में बैठे तो वहीं रेलवे मंत्रालय ने देशवासियों को बुलैट जैसी रफ्तार वाली एक ट्रेन की सौगात दी है। जी हां अब हमारे देश में पटरियों पर 160 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से ट्रेन 18 दौड़गी। यह देश की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन होगी, जिसे सबसे तेज दौड़ने वाली शताब्दी और राजधानी से भी तेज भागेगी। रेलवे मिनिस्टर पीयूष गोयल ने मंगलवार को अपने ट्विटर एकाउंट पर सेमी हाई स्पीड ट्रेन के बारे में जानकारी देते हुए बताया है। पीयूष गोयल ने ट्विटर पर ट्रेन की तस्वीरें साझा करते हुए लिखा, देश की पहली बुलेट ट्रेन के पुलों व सुरंगों के डिजायन का 80% कार्य पूरा हुआ, विश्व की सर्वाधिक सुरक्षित, जापान की शिंकानसेन तकनीक के उपयोग से बनने वाली यह ट्रेन 320 किमी/घंटा की गति से 508 किमी की दूरी तय करेगी। आगे की स्लाइड में जानिए देश की सेमी हाई स्पीड ट्रेन की तस्वीरें और जानिए इस की खासियत।
‘Make in India’ प्रोजेक्ट के तहत निर्मित की गई इस ट्रेन की लागत 100 करोड़ रुपए है। इस आलीशान ट्रेन 18 के एक डिब्बे के निर्माण में 6 करोड़ रुपए लगे हैं। बताया जा रहा है कि ट्रेन के डिब्बों का निर्माण यूरोपियन डिब्बों की तुलना में 40 पर्सेंट सस्ता है। (फोटो सोर्स- पीयूष गोयल ट्विटर)
इस ट्रेन का निर्माण चेन्नई में भारतीय रेलवे के मालिकाना हक वाली इंटिग्रल कोच फैक्ट्री में हुआ है। जहां पर इस तरह की और भी ट्रेन बनाई जाएंगी। रेलवे अधिकारियों के अनुसार ‘यह पहली सेमी हाई-स्पीड ट्रेन होगी, जिसकी मैन्युफैक्चरिंग भारत में हुई है। यह ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने में सक्षम होगी। जो कि देश की पहली हाई स्पीड ट्रेन है। (फोटो सोर्स- पीयूष गोयल ट्विटर)
साल 2018 में भारतीय रेलवे रिकॉर्ड 1,100 एलएचबी डिब्बों सहित 2,500 रेल डिब्बों का प्रॉडक्शन करेंगे।’
जून से यह तेर रफ्तार वाली ट्रेन पटरियों पर दौड़ेगी। यह देश की पहली ट्रेन होगी जो कि मेट्रो की तरह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर दौड़ेगी। क्योंकि मेट्रो की तरह इस ट्रेन को खीचने के लिए भी किसी लोकोमोटिव की जरूरत नहीं होगी। तेज रफ्तार वाली ट्रेन के सफर से यात्रियों के समय की बचत तो होगी ही साथ ही उन्हें इसके अंदर फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाओं का आभाष होगा।
जून से यह तेर रफ्तार वाली ट्रेन पटरियों पर दौड़ेगी। यह देश की पहली ट्रेन होगी जो कि मेट्रो की तरह इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन पर दौड़ेगी। क्योंकि मेट्रो की तरह इस ट्रेन को खीचने के लिए भी किसी लोकोमोटिव की जरूरत नहीं होगी। तेज रफ्तार वाली ट्रेन के सफर से यात्रियों के समय की बचत तो होगी ही साथ ही उन्हें इसके अंदर फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाओं का आभाष होगा।
बताया जा रहा है कि सेमी हाई स्पीड ट्रेन दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्गों पर राजधानी ट्रेनों की जगह भी ले सकती है।
मौजूदा राजधानी और शताब्दी 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक दौड़ सकती हैं, लेकिन उनकी एवरेज स्पीड 90 किलोमीटिर प्रति घंटे तक जाती है। जब दोनों हाईस्पीड ट्रेनें दौड़ेंगी तो ये 130 किलोमीटर प्रति घंटे की एवरेज दे पाएंगी। जबकि ट्रेन 18 की अधिकतम सीमा 160 किलोमीटर प्रति घंटा है।
वहीं कुछ रूटों पर यह प्रीमियम शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह भी रिप्लेस होगी। 15 कोच वाली इस ट्रेन में बैठने के लिए चेयर-कार और सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। ट्रेन 18 का इंटीरियर पर खास तौर से डिजाइनर किया गया है। इस ट्रेन में यात्रियों को हर तरह की सुविधा मिलेगी। यह ट्रेन फुली एयरकंडीशनर होगी।
कुल मिलाकर यह ट्रेन पूरी तरह से बुलेट ट्रेनों की तरह अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरी उतरेगी। क्योंकि भारत में निर्मित इस ट्रेन में बेहतरीन ट्रेनों के फीचर्स शामिल किए गए हैं। ट्रेन 18 के दरबाजे मेट्रो की तरह यात्रियों के आवागमन पर ऑटोमैटिक खुलेंगे और बंद होगें। इसके बाद जैसे ही आप ट्रेन के अंदर प्रवेश करेंगे तो तब भी कोच के दरबाजे भी आपके कदमों की आहट सुनते ही अपने आप खुलेंगे और बंद होंगे
विभिन्न सुविधाओं से लैस इस ट्रेन में बॉयो-वैक्यूम टॉयलेट लगाए गए हैं, जिसमें केवल एक लीटर पानी की जरूरत होगी और सारा मल वैक्यूम द्वारा खींच लिया जाता है। ट्रेन में साफ-सफाई का खास ध्यान रखा गया है।
ट्रेन के अंदर मॉड्यूलर टॉयलेट हैं। मेक इन इंडिया के तहत तैयार होने वाली दो ट्रेनें 18 और 20 ट्रैक पर जल्द दौड़ती दिखेंगी। वर्ल्ड क्लास फैसीलिटी से लेस ट्रेनों में वाई-फाई से लेकर स्लाइडिंग डोर की सुविधा रहेगी। इनकी सबसे बड़ी खासियत यह होगी कि ये सफर में लगने वाले समय में 20 फीसदी की कटौती करेंगी।
दिव्यांग यात्रियों के लिए भी ट्रेन में खास ध्यान रखा गया हैय़ इसमें उनके लिए व्हीलचेयर की सुविधा होगी। ताकि वह खुद से टॉयलेट जा सकें।