Friday, April 19, 2024
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10वीं की बोर्ड परीक्षा में इस स्टूडेंट को मिले 625 में 625

SI News Today
The student got 625 in 625 in board examination of 10th.

 

कर्नाटक।

एक सच्ची घटना कर्नाटक की है जिसमे एक 10वी का परीक्षार्थी अपने आये नतीजों से संतुष्ट था और शिक्षा बोर्ड ने उसे राज्य का टॉपर घोषित कर दिया था मगर कुछ लोगो को ये बात खटकने लगी कि इसको इतने अंक कैसे मिले? अंत में बोर्ड को दुबारा इस छात्र की कापियां जांचनी पड़ी और जब इस बार नतीजा आया तो उसके परिवार के साथ पूरा राज्य चौंक गया। आइये जानते हैं कि आखिर इस स्टूडेंट के दुबारा कॉपी जांच ने बाद ऐसा क्या हुआ जिसने सभी को चौंका कर रख दिया।

बीते दिनों कर्नाटक बोर्ड द्वारा जारी 10वीं के रिजल्ट में कैफ मुल्ला नाम के कर्नाटक बोर्ड के स्टूडेंट कैफ मुल्ला को कुल 625 में से 624 अंक मिले और इसके साथ इस उस कार्नाटक बोर्ड का टापर घोषित कर दिया गया। लेकिन उस पर उँगलियाँ उठने के बाद बोर्ड को एक बार फिर से कैफ मुल्ला के कापियों की जांच के निर्देश देने पड़े। हालाँकि बोर्ड के इस फैसले के बाद कैफ और उसके परिवार वालों का मनोबल काफी टूट गया लेकिन उनकी ख़ुशी का तब कोई ठिकाना नहीं रह गया जब उनको मालूम चला कि कैफ के दुबारा कॉपी जांच करने के बाद उसे 625 में से 625 अंक मिले। उसके ये 1 अंक साइंस के पेपर में कटे थे लेकिन दुबारा जाँच में कैफ को साइंस में भी पूरे अंक मिल गए। कर्नाटक के सेंट जेवियर स्कूल के 10वीं के स्टूडेंट कैफ मुल्ला ने मीडिया को बताया कि वो IAS ऑफिसर बनना चाहता है और इसलिए 11वीं में भी उसने साइंस लिया है। कैफ मुल्ला के पिता हारून अब्दुल्ला खुद एक हिंदी टीचर हैं और उनकी माँ परवीन मुल्ला एक कन्नड़ टीचर है।

कैफ मुल्ला ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि उसे पूरे अंक आने के पहले से ही उम्मीद था क्यूंकि उसने एग्जाम देने के बाद सभी आंसर को अपने मॉडल पेपर से मिलाया था। कैफ के पिता ने बताया की उसके बेटे ने बहुत मेहनत की थी 10वीं बोर्ड में पूरे के पूर नंबर लाने के लिए उसने अपना अधिक से ज्यादा समय पढाई में ही बिताया था जिसका नतीजा ये हुआ की उसे पूरे के पूरे अंक मिले। कैफ के माता पिता भी चाहते हैं कि उनका बेटा एक IAS ऑफिसर बने और उन्हें उम्मीद को कैफ उनके सपनों को जरूर पूरा करेगा।

जब एक अच्छी नौकरी और अच्छे बिज़नेस सेटअप की बात की जाती है तो सबसे महत्वपूर्ण आधार शिक्षा होता है। जब शिक्षा के महत्त्व को जानकर उसकी पूजा करते है तब जाकर वो फलीभूत होता है, वर्ना अपनी बेरोजगारी के लिए सरकार को कोसना कोई नयी बात नहीं है।

 

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