भारत के थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत ने कहा है कि हम शांति के पक्षधर हैं लेकिन हमें कोई छेड़ेगा तो छोड़ेंगे भी नहीं। हम शांति प्रिय शक्तिशाली देश है। भारत अमन-चैन से रहते हुए अपना विकास कर रहा है। जनरल रावत आज रात आयोजित कार्यक्रम में जवानों से कहा कि सबसे पहले मैं आपको 200 वर्ष पूरा होने पर बधाई देता हूं। भारतीय सेना में शुरू से गोरखाओं ने खून-पसीना बहाया है। इनकी वीरता से पूरी दुनिया परिचित है। देश की सुरक्षा को भेदने वालों को नष्ट करने में गोरखाओं को महारत हासिल है। उन्होंने इस अवसर पर फस्र्ट डे कवर (डाक टिकट जारी करने के दिन की मुहर का लिफाफा) और सैनिक सम्मान पुस्तक का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर उन्होंने दो लाख रुपये का चेक नाइन जीआर को दिया। शुक्रवार को जनरल रावत सुबह वार मेमोरियल पर पुष्प चक्र अर्पित करने के बाद दिल्ली रवाना हो जाएंगे। इससे पहले जनरल रावत सपत्नीक गंगा आरती में शामिल हुए। वे शाम करीब साढ़े चार बजे सेना के विशेष विमान से पहुंचे थे। इस दौरान गंगा घाट पर चप्पे-चप्पे पर फोर्स तैनात की गई थी। बम निरोधक दस्ते व डाग स्क्वाएड ने पूरे इलाके को खंगाला।