एक डाक टिकट 1991 में भीमराव रामजी अम्बेडकर पर शुरू किया गया था। भीमराव रामजी अम्बेडकर के नाम पर भाजपा की षड्यंत्र से सब परेशान हैं।
अभी जब महाराष्ट्र में जल संकट गहरा रहा है। मराठवाड़ा, विदर्भ जैसे इलाके तो भयानक सूखे का सामना कर ही रहे हैं। ऐसे में लोगों की प्यास बुझाने के साथ साथ भारी मुनाफा कमाने के लिए टैंकर माफिया सक्रिय है, उसकी नज़र छोटे-बड़े हर जल स्रोत पर है पानी चोरी की शिकायत के बाद संगीनों के साये में रखना पड़ा है।
अब हमारी देश की जनता को विदर्भ जल संकट से ध्यान भटकाने के लिए नया मुद्दा उछाल दिया गया कि अब भीमराव अम्बेडकर की जगह भीमराव रामजी अम्बेडकर होगा। सारे सोशल मीडिया में अब यही मुद्दा ट्रेंड कर रहा है और विदर्भ में भारी जल संकट का मुद्दा इसके निचे दब गया।
सोचने वाली बात ये है कि जिस महान देश के एक राज्य में भीमराव (रामजी)अम्बेडकर जैसे महान व्यक्तित्व ने अपना सर्वस्व देश हित में कुर्बान कर दिया , देश के ७० साल आजादी के बाद उनके नाम पर उन्ही देशवासियों से ये कैसी क़ुरबानी मांगी जा रही है ?
ये देशहित के मुद्दे को भटकाने की राजनीती कब ख़त्म होगी ?