बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ मतभेदों पर चुप्पी तोड़ी है। नीतीश के राजद की अगले महीने प्रस्तावित रैली में भाग लेने को लेकर अटकलों का दौर चल रहा था। रविवार को पटना में नीतीश ने मीडिया से कहा, ”आरजेडी रैली पर टिप्पणी करने की जरूरत नहीं है। सबके अपने कार्यक्रम होते हैं। अगर आरजेडी बुलाएगी तो रैली में जाऊंगा।” राजद और कांग्रेस के नोटबंदी का विरोध किए जाने के बाद जदयू द्वारा इसका समर्थन किए जाने से इन दलों के बीच मतभेद राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का जदयू द्वारा समर्थन किए जाने से और भी गहरा गया था।
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार को समर्थन करने पर विपक्ष के तानों पर नीतीश ने कहा, ”हम किसी के पिछलग्गू नहीं हैं, जो होना होगा सो होगा। हमारा एक सिद्धांत है, हमारा सिद्धांत अटल है।” नीतीश ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ”सिद्धांत मैं नहीं, आप (कांग्रेस) बदल रहे हैं… लोहिया जी ने कांग्रेस को ‘सरकारी गांधीवादी’ कहा था।” गाय को लेकर बीजेपी की राजनीति पर हमला बोलते हुए नीतीश ने कहा कि बिहार से ज्यादा गाएं यूपी की सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा, ”बीजेपी गायों की बात करती हैं। वे सड़कों पर घूम रहीं गायें ले क्यों नहीं जाते। यूपी की सड़कों पर बिहार से कहीं ज्यादा गायें हैं।”
जेडीयू ने फैसला लिया है कि समाजवादी आंदोलन के नायक राम मनोहर लोहिया, लोक नायक जयप्रकाश नारायण, जन नायक कर्पूरी ठाकुर, भीम राव अम्बेडकर की जयंती-पुण्य तिथि कार्यक्रम को पंचायत स्तर तक आयोजित किया जायेगा। जेडीयू प्रवक्ता संजय ने कहा कि जीएसटी पर उनकी पार्टी का रुख आइने की तरह साफ है और हम इसका पूर्ण रुप से समर्थन करते हैं।