विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बड़ा बयान दिया जिसमें उन्होंने बताया कि इराक में लापता सभी 39 भारतीयों की आतंकी संगठन आइएसआइएस आतंकियों ने हत्या कर दी है, जिसमें छह लोग बिहार के थे। सुषमा ने कहा कि मारे गए सभी लोगों की डीएनए जांच कराई गई थी। जिसके बाद सभी शवों की पहचान की गई। यह सभी शव पहाड़ी खोदकर निकाले गए थे।
सिवान जिले के सहस्राव गांव के दो युवकों की हत्या इराक में हुए आतंकी हमले में हो गई हैै, एक का नाम विद्याभूषण तिवारी है जबकि दूसरे का नाम संतोष कुमार है। जब इसकी खबर दोनों मृतक के परिजनों को मिली तो गांव में कोहराम मच गया। बताते चलें कि पुरुषोत्तम तिवारी के भतीजा विद्याभूषण तिवारी और संतोष कुमार कमाई के लिए विदेश में 2014 में गए थे। दोनों की शादी भी हो चुकी है।
दोनों एक ही साथ इराक कमाने के लिए गए थे। आज अचानक जब सूचना मिली कि 2014 में आइएसआइएस के आतंकी हमले में दोनों लोगो की मौत हो गई है तो पूरे गांव में कोहराम मच गया। बताते चलें कि ये दोनों लोग मध्यम वर्ग परिवार से आते है। इधर विद्याभूषण की पत्नी और दोनों छोटे छोटे बच्चे का और संतोष की मां का रो रो कर बुरा हाल है।
विद्याभूषण तिवारी की पत्नी ने कहा कि सुषमा स्वराज ने अपने सिंदूर की कसम खाकर कहा था कि आपके पति को वापस लाकर रहेंगे, लेकिन वो नहीं ला सकीं।
जून 2014 में इराक के मोसुल में लापता हुए सभी 39 भारतीय मारे गए थे। मंगलवार को केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज ने राज्यसभा में एक बड़ा बयान देते हुए बताया कि इराक में लापता सभी भारतीय मारे गए हैं। सभी भारतीयों को आइएसआइएस ने मारा था और एक पहाड़ पर सभी शवों को दफना दिया गया था। सरकार ने डीएनए सैंपलों के जरिए पता लगाया कि भारतीयों में 31 पंजाब, 4 हिमाचल और बाकी बिहार और बंगाल के थे। सभी शवों को वतन वापस लाया जाएगा। साल 2014 में ही सभी नौजवान इराक की एक कंपनी में काम करने गए थे।
बिहार के छह मृतकों के नाम- संतोष कुमार सिंह, बिधु भुवन तिवारी, अदालत सिंह, सुनील कुमार कुशवाहा, धर्मेंद्र कुमार, राजू कुमार यादव