कालेधन के खिलाफ कार्रवाई और नोटबंदी के फायदे गिनाने की तैयारी में जुटी भाजपा के अपने ही मुसीबत बढ़ाएंगे। पैराडाइज पर्दाफाश के बाद बिहार भाजपा में बेचैनी है।
सांसद आरके सिन्हा और केंद्रीय नागरिक उड्यन मंत्री जयंत सिन्हा का नाम आने के बाद नोटबंदी की वर्षगांठ धूमधाम से मनाने की योजना को करारा झटका लगा है। बेदाग, भ्रष्टाचार मुक्त और सुशासन का दावा करने वाले भाजपाई सदमे में हैं।
केंद्र की तीन वर्ष की सरकार में यह पहला मामला है जब भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री का नाम आर्थिक हेराफेरी में सामने आया है। बता दें कि आरके सिन्हा बिहार से राज्यसभा सांसद हैं जबकि केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा मूलरूप पटना के रहने वाले हैं।
दरअसल, भाजपाइयों ने पार्टी हाईकमान के दिशा-निर्देश पर जगह-जगह नोटबंदी की उपलब्धियां और काले धन के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई को जनता के बीच जोर-शोर से भुनाने का लक्ष्य तय किया था। केंद्रीय मंत्रियों से लेकर जनप्रतिनिधियों और पार्टी पदाधिकारियों को जगह-जगह विचार गोष्ठी आयोजित कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लेकिन पैराडाइज पर्दाफाश के बाद कालाधन विरोधी दिवस मुहिम को झटका लगा है।
बता दें कि बिहार भाजपा की ओर से सभी जिलों के साथ प्रमंडलीय मुख्यालय से लेकर राजधानी पटना में विचार गोष्ठी से लेकर नुक्कड़ नाटक और विभिन्न आयोजन की तैयारी है। विचार गोष्ठी को संबोधित करने के लिए बिहार से जुड़े कई केंद्रीय मंत्रियों का दौरा तय है।