दिल्ली की एक अदालत ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को निर्देश दिया है कि वह उस सरकारी बंगले को खाली करें जो उन्हें तब आबंटित किया गया था जब वह संसद सदस्य थे। अदालत ने उन्हें ‘अनधिकृत दखलदार’ करार दिया। ने संपदा अधिकारी के 24 मार्च के एक आदेश के खिलाफ कांग्रेस नेता की ओर से दाखिल की गई अर्जी खारिज करते हुए यह निर्देश दिया। संपदा अधिकारी ने अपने आदेश में अमरिंदर को जनपथ स्थित बंगला खाली करने को कहा था। जिला व सत्र न्यायाधीश पूनम ए बम्बा ने कहा कि लिहाजा, यह स्पष्ट है कि अपीलकर्ता उक्त परिसर में 23 दिसंबर 2016 से ही अवैध तरीके से रह रहे हैं।
अदालत ने उनकी यह दलील भी खारिज कर दी कि लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष के समक्ष दिया गया उनका वह ज्ञापन अब भी लंबित है जिसमें उन्होंने बंगले को अपने पास रखने का आवेदन किया है। न्यायाधीश पूनम ए बम्बा ने कहा कि उनका ज्ञापन लंबित रहने मात्र से अपीलकर्ता को यह अधिकार नहीं मिल जाता कि वह उक्त परिसर में बने रहें।
अदालत ने अमरिंदर को ‘अनधिकृत दखलदार’ करार दिया। अदालत ने उनकी यह दलील भी खारिज कर दी कि लोकसभा की आवास समिति के अध्यक्ष को दिया गया उनका वह ज्ञापन अब भी लंबित है जिसमें उन्होंने बंगले को अपने पास रखने का आवेदन किया है।