नोएडा में एक धरना-प्रदर्शन की वजह से एक 7 साल के बच्चे की मौत हो गई। दरअसल नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने वाले एक्सप्रेसवे पर प्रदर्शन के चलते वहां पर लगभग 10 किलोमीटर लंबा जाम लग गया जिसमें एक एम्बुलेंस फंस गई। एम्बुलेंस के ट्रैफिक में फंस जाने के चलते बच्चे का समय पर इलाज नहीं हो सका और उसने एम्बुलेंस में ही दम तोड़ दिया। समाचार एजंसी एएनआई के मुताबिक घटना बीते शनिवार (20 मई) लगभग शाम 4 बजे हुई।
खबरों के मुताबिक खरीदार पोजेशन नहीं मिलने के चलते बिल्डर ग्रुप के साथ बैठक करने गए थे लेकिन बताया जा रहा है कि बिल्डर्स की तरफ से कोई बातचीत करने नहीं पहुंचा। बिल्डर के खिलाफ दो एफआईआर भी दर्ज हो चुकी हैं। इसी वजह से गुस्साए खरीददारों ने बिल्डर के खिलाफ धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साए खरीदारों ने पहले सर्विस लेन और फिर एक्सप्रेसवे को जाम कर वहां पर प्रदर्शन शुरू कर दिया जिसकी वजह से वहां पर भारी ट्रैफिक जमा हो गया। एक्सप्रेसवे पर जाम की वजह से ग्रेटर नोएडा-नोएडा की तरफ जाने वाले रास्ते पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। इसी जाम में फंसी ऐंबुलेंस में 7 साल के बच्चे की मृत्यु हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बच्चे को उसके परिजन आगरा से दिल्ली लेकर जा रहे थे।
वहीं इस मामले में बच्चे के माता-पिता ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है। बता दें इससे पहले भी जेपी बिल्डर्स के खिलाफ, ग्राहक घर नहीं मिलने के चलते कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं।वहीं बीते अप्रेल महीने में जेपी बिल्डर्स के 4 डायरेक्टरों के खिलाफ, समय पर मकान की डिलिवरी नहीं करने के चलते उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई थी। बिल्डर्स के खिलाफ आईपीसी की धारा 406 और 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। वहीं बीते साल सितंबर महीने में ग्रेटर नोएडा में फ्लैट्स बना रहे करीब 95 बिल्डर्स को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने डिफॉल्टर्स की लिस्ट में डाल दिया था। इनमें आम्रपाली, यूनिटेक और एटीएस बिल्डर्स का नाम भी शामिल किया गया था।