दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार के मंत्री, विधायक और स्थानीय कार्यकर्ता यह बताने में असमर्थ हैं कि मोहल्ला सभा का फंड आखिर गया कहां। करीब दो साल पहले स्थनीय प्रशासन निकाय ने दर्जनों विधानसभा क्षेत्रों में बैठक के बाद मोहल्ला सभा के लिए फंड का वितरण किया था। अंग्रेजी चैनल इंडिया टूडे ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि इस फंड का कोई हिसाब-किताब नहीं रखा गया।
आम आदमी पार्टी ने मोहल्ला सभा को स्वराज लाने के लिए एक क्रांतिकारी कदम बताया था। यहां तक की पार्टी संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तो इसपर एक किताब भी लिखी थी। मोहल्ला सभा को अपने इलाके में विकास कार्य निर्धारित करने और शुरू करने के अधिकार दिए गए थे। पहली मीटिंग में दिल्ली सरकार ने तय किया था कि मोहल्ला सभा की 12 विधानसभा सीटों को 20 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे। फंड जारी किया गया और प्रत्येक मोहल्ला सभा को 55 लाख रुपए मिले। फंड के बारे में पूछने पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, “यह मेरे दायरे में नहीं आता। इसपर टिप्पणी नहीं कर सकता।”
रिपोर्ट के मुताबिक, मोहल्ला सभा के कोर्डिनेटर्स, यहां तक की मंत्री और उस क्षेत्र के विधायकों को भी नहीं पता पैसा कहां गया। पतपड़गंज, किरारी और छतरपुर विधानसभा सीटों पर मोहल्ला सभा का सिर्फ 10 फीसदी फंड इस्तेमाल हुआ है। प्रताप नगर से मोहल्ला सभा के पूर्व कोर्डिनेटर अनिल कुमार दीक्षित ने कहा कि अप्रैल 2015 को मोहल्ला सभा की पहली बैठक हुई थी। विकास कार्यों की लिस्ट तैयार की गई थी, लेकिन काम बीच में रुक गया। दीक्षित ने कहा कि उन्हें नहीं पता पैसा कहां गया।