Thursday, April 25, 2024
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ईवीएम हैकाथॉन में हिस्सा नहीं ले रही AAP ने कहा- यह हैकिंग चैलेंज नहीं नाटक है

SI News Today

निर्वाचन आयोग की ओर से तीन जून को आयोजित ईवीएम हैकिंग चुनौती में भाग लेने के लिए सिर्फ शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और माकपा ने दिलचस्पी जताई है। जबकि ईवीएम में छेड़छाड़ को लेकर पुरजोर तरीके से आवाज उठाने वाली आम आदमी पार्टी और बसपा ने इससे दूरी बनाई है। AAP ने चुनाव आयोग से मशीन हैक करने के नियमों पर पुनर्विचार करने और उसे चुनौती देने के दौरान ईवीएम के मदरबोर्ड के साथ छेड़छाड़ करने की इजाजत की मांग की थी। चुनाव आयोग ने इस मांग को खारिज कर दिया था। AAP का कहना है कि उनकी पार्टी नहीं, चुनाव आयोग ही ईवीएम हैकाथॉन से भाग रहा है।

मनीष सिसोदिया ने कहा, “हैकाथॉन क्या है। यह कोई जादू नहीं है कि कोई व्यक्ति तंत्र मंत्र से इसे हैक कर लेगा। यह साइंस है। आप मशीन खोलने की इजाजत नहीं दे रहे और ना ही टूल्स ले जाने की इजाजत दे रहे हो। लेकिन आप कह रहे हो मशीन हैक करके दिखाओ।” आम आदमी पार्टी (आप) ने इसे नाटक बताते हुए कहा कि वह इसमें भाग नहीं लेगी। पार्टी ने यह सवाल उठाया कि चुनाव आयोग बिना किसी बाधा के खुले रूप से मशीन को हैक करने की छूट देने के अपने वादे से क्यों मुकर रहा है? आम आदमी पार्टी के दिल्ली के संयोजक गोपाल राय ने कहा, “यह हैक करने का कार्यक्रम नहीं है। इस नाटक में हिस्सा क्यों लेना?”

कांग्रेस ने नियमों में ढील देने की अपील की
कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से अपील की कि वह ईवीएम चुनौती के उन तीन नियमों में ढील दे जो चुनौती देने वाले को मशीनों की पूरी जांच करने से रोकते हैं। कांग्रेस ने कहा कि इन नियमों को शामिल किए जाने से इस कदम की विश्वसनीयता कमजोर पड़ती है। एआईसीसी के संचार प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को लिखे एक पत्र में कहा कि पार्टी की राय में यह चुनौती ‘‘गुंजाइश, पैमाने एवं नियमों के मामले में निष्पक्ष, पारदर्शी एवं स्पष्ट’’ होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस चुनौती के व्यापक नियम एवं उसकी शर्तें चुनौती देने वाले को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की पूरी जांच करने से रोकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम आपसे चुनौती के तीन नियमों में ढील देने पर पुनर्विचार करने की अपील करते हैं।’’

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