Friday, March 29, 2024
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दिल्ली: पत्नी के साथ घूमने जाना चाहता था ई-रिक्शा चालक रवींद्र

SI News Today

पिछली 19 मई को रानी ने पति रवींद्र के साथ शादी की सालगिरह मनाई थी। रवींद्र पत्नी के साथ घूमने बाहर जाना चाहता था। लेकिन यह सपना अधूरा रह गया। सड़क पर देश की स्वच्छता की आवाज बुलंद करने की बात इतनी नागवार गुजरी कि युवकों ने ई-रिक्शा चालक रवींद्र को मौत की नींद सुला दिया। उसके पिता सुरेंद्र कुमार दिल्ली पुलिस के कर्मचारी थे। सुरेंद्र कुमार दिल्ली पुलिस के मल्टी टास्किंग स्टाफ थे।  वहीं से सेवानिवृत्त होने के बाद बेटे-बहू के साथ किंग्सवे कैंप की सालों पुरानी किशोर मार्केट की झुग्गी कालोनी में रहने लगे। हालांकि डरी-सहमी रानी को प्रधानमंत्री और वेंकैया नायडू और मनोज तिवारी जैसे शीर्ष के नेताओं की ओर से मदद पहुंची, मदद के आश्वासन मिले लेकिन फिर भी उसकी आंखें घंूघट से ही अपने पति को तलाशती हैं। उसे अभी तक यह समझ नहीं आ रहा है कि आखिर उसके पति रवींद्र ने उन युवकों का क्या बिगाड़ दिया कि सुबह की मामूली घटना के बाद शाम में झुंड बनाकर आए युवक उसकी पीट-पीटकर जान ले लेंगे।

बुधवार को उसके चेहरे पर कुछ राहत की सांस तब आई जब पता चला कि दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं, बाकी भी बहुत जल्द कानून के शिकंजे में होंगे। पिता के दिल्ली पुलिस के कर्मचारी होने का रौब बेटे पर भी था। वह अक्सर अन्याय के खिलाफ बोल पड़ता था। उसके भाई वीरेंद्र मौजूदा समय में वहां चल रहे ई-रिक्शा संगठन के प्रधान हैं।दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर और जीटीबी मेट्रो स्टेशन की दूरी इतनी है कि कमोवेश छात्र पैदल ही इस इलाके में घूमते हैं। जब से ई-रिक्शा का प्रचलन बढ़ा और किराए के रूप में पांच से दस रुपए लेने शुरू हुए तब से छात्र-छात्राओं का झुंड पैदल की बजाए सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करने लगे हैं। रवींद्र के मुहल्ले के ही एक अन्य रिक्शा चालक बाबू ने बताया कि हमें दिन भर में पांच से एक हजार की कमाई हो जाती है और बदले में ज्यादा दूर जाना भी नहीं पड़ता है। यहीं घूमते-घूमते सुबह से शाम हो जाती है। रवींद्र स्वभाव से भला इंसान था हालांकि मिजाज हमेशा गलत काम का विरोध करने का था।

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