दिल्ली मेट्रो के बेतहाशा बढ़े किराए से नाराज छात्रों व कामगारों ने बड़ी संख्या में दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन किया। आॅल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के बैनर तले हुए इस अांदोलन में वामपंथी पार्टी भाकपा (माले), मजदूर संगठन एक्टू सहित में कई अन्य छात्र संगठनों ने भी हिस्सा लिया। इस दौरान मेट्रो के बढ़े किराए को तुरंत वापस लेने की मांग की गई। साथ ही चेतावनी भी दी की सुनवाई नहीं होने पर आंदोलन तेज किया जाएगा। दिल्ली की जीवन रेखा बन चुकी दिल्ली मेट्रो के किराए में की गई बेतहाशा बढ़ोतरी के कारण सबसे ज्यादा असर दिल्ली के छात्रों व कामकाजी लोगों पर पड़ रहा है। आइसा ने इसके खिलाफ मुहिम छेड़ी और कार्यकर्ताओं व छात्रों से मेट्रो स्टेशनों पर लोगों के बीच इस मुद्दे को लेकर बातचीत की आंदोलन में शरीक होने की अपील की। आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता डे ने कहा कि बढ़े किराए से हर यात्री के किराए के खर्च में 1000 से 1200 रुपए महीने का बोझ बढ़ा है। दिल्ली में देश भर से आए 15 लाख से अधिक छात्र रहते हैं जो कम खर्चे में किराए का कमरा लेने के लिए दिल्ली के दूरदराज के इलाकों मे रहते व अपने कॉलेज या विश्वविद्यालय जाने के लिए मेट्रो रेल का इस्तेमाल करते हैं। वे अभी पढ़ाई कर कुछ बनने के संघर्ष में हैं। इसकी वजह से यह किराया बढ़ोतरी उनके लिए एक बहुत बड़ा बोझ है। इससे वे शहर से ही नहीं पढ़ाई के बेहतर अवसर से भी महरूम हो जाएंगे।
सुचेता ने यह भी कहा कि दिल्ली वालों ने बेहतर परिवहन व्यवस्था की उम्मीद में मेट्रो के लिए काफी समझौते किए हैं। जमीन देने से लेकर मेहनत मजदूरी तक में आम आदमी का भागीदारी है। और आज मुनाफा कमाने के लिए इसी आम आदमी पर बोझ डाला जा रहा है। दिल्ली की ज्यादा से ज्यादा आबादी कामकाजी लोगों की है जिनके काम के जगह आने जाने का किफायती जरिया सार्वजनिक परिवहन ही है। सार्वजनिक परिवहन दिल्ली की जरूरत भी है क्योंकि दिल्ली सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से एक है। ऐसे में इस तरह के किराया बढ़ोतरी से दिल्ली में निजी वाहनों की भीड़ व प्रदूषण भी बढ़ेगा। 26 लाख यात्रियों को सेवाए देने वाली मेट्रो के किराए बढ़ने से थोड़ी भी बेहतर आमदनी वाले लोग अब टैक्सियों की सेवाएं लेने लगेंगे जो प्रदूषण के कारक हैं। जबकि वह गरीब आबादी जो पहले भी मेट्रो का प्रयोग इस लिए ही कम करता था कि उसे बस से सफर सस्ता पड़ता है, वह कभी भी मेट्रो में चलने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगा। इस लिए इस किराए बढ़ोतरी को तुरंत वापस लिए जाने की दरकार है। इसके अलावा विद्यार्थियों के लिए मासिक पास की भी व्यवस्था की जानी चाहिए।
आॅल इंडिया सेंट्रल काउंसिल के संतोष राय ने कहा कि जबकि हम सभी जानते हैं कि डीटीसी दिल्ली की परिवहन जरूरतें पूरी करने में पहले ही नाकाम रही है। ऐसे में मेट्रो के किराए बढ़ने से लोगों के सामने विकल्पहीनता की स्थिति पैदा कर दी है। आइसा के नीरज कुमार व आमीश अंजुल सहित एक प्रतिनिधि मंडल ने डीएमआरसी के अधिकारियों को ज्ञापन देकर अपनी मांग उठाई। बतौर प्रतिनिधिमंडल अधिकारियों ने कहा है कि इस मामले में हम कुछ नहीं कर सकते केवल सरकार ही फैसला ले सकती है। छात्रों ने इस पर सरकारों को घेरने का भी निर्णय किया है।