मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटों में कर्ज की मारे से परेशान दो और किसानों ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या कर ली है। बालाघाट जिले में सोसायटी के डेढ़ लाख रुपए के कर्ज के कारण रमेश बसेने (40) ने बुधवार को आत्महत्या कर ली। हालांकि बडवानी जिले में साहूकार के दो लाख रुपए कर्ज के बोझ में दबे शोमला (60) ने कीटनाशक पीकर आत्महत्या की। मध्य प्रदेश में पिछले एक सप्ताह में आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या बढ़ कर सात हो गई है। मंदसौर जिले में 6 मई को किसान आंदोलन के दौरान पुलिस की गोली से पांच किसानों की मौत हो गई है। इसके बाद प्रदेश सरकार ने किसानों के हितों में कई घोषणाएं की हैं लेकिन किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं। इस बारे में खेत किसान कांग्रेस अध्यक्ष सुकदेव मुनि कुतराहे ने बताया कि जिले के बालाघाट थाना अंतर्गत बल्लारपुर निवासी किसान रमेश बसेने (40) ने कर्ज से परेशान होकर बुधवार सुबह जहर खा लिया, जिसकी बाद में जिला अस्पताल में मौत हो गई। बालाघाट कलेक्टर भरत यादव कलेक्टर ने कहा कि तहसीलदार को किसान रमेश के बारे में जानकारी लेने भेजा गया है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। परिजनों के अनुसार किसान रमेश बिसेन पर सोसायटी का लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए कर्ज था।
किसान रमेश पर यह कर्ज पुराना था, जो उसने खाद और अन्य कृषि जरूरतों के लिए लिया था। बुधवार सुबह किसान रमेश अपने चाचा तुलसीराम के घर गया था, जहां उसने चर्चा में चाचा को कर्ज से परेशानी वाली बात बताई थी। उन्होंने बताया कि किसान पर खेती के लिए कर्ज नहीं पटाने से उसे बैंक के माध्यम से नोटिस दिया जा रहा था। बुधवार को खेत से सुबह लगभग नौ बजे जब वह घर लौटा तो घर में उसकी हालत बिगड़ने से परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए थे, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। चाचा तुलसीराम और पत्नी जानकीबाई ने बताया कि रमेश कर्ज के कारण मानसिक रूप से परेशान था। इसके चलते वह शराब भी पीने लगा था। हालांकि अब तक कर्ज से किसान की मौत की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है। उधर सेंधवा ग्रामीण पुलिस थाना के उपनिरीक्षक आर मुजालदे ने बताया कि बडवानी जिले के सेंधवा कस्बे से 10 किलोमीटर दूर ग्राम पिस्नावल के कास्तिया फलिया के किसान शोमला (60) ने मंगलवार को कर्ज से परेशान होकर कीटनाशक पीकर खुदकुशी की ली है। किसान की पत्नी झमकी बाई ने पुलिस को बताया कि उसके पति शोमला ने एक साहूकार से दो लाख रुपए में अपना खेत गिरवी रखा था। इसके अलावा, एक लाख का कर्जा भी था। इसके लिए परिवार में विवाद हुआ करता था और मंगलवार को उसने खेत में कुएं के पास उसने कीटनाशक पीकर खुदकुशी कर ली।
इससे पहले आठ जून से लेकर अब तक पांच अन्य किसानों ने भी मध्य प्रदेश के विभिन्न भागों में कर्ज से परेशान होकर आत्महत्या की हैं। जिन पांचों ने आत्महत्या की थी, उनमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर के रेहटी पुलिस थाना क्षेत्र के जानना गांव का किसान दुलचंद कीर (55), होशंगाबाद जिले के भैरोपुर गांव का रहने वाला किसान कृपाराम (68), विदिशा जिले का किसान हरीसिंह जाटव (40), रायसेन जिले के सागोनिया गांव के किसान किशनलाल मीणा (45) और सीहोर जिले के जोगड़खेड़ी गांव के बीएएमएस (आयुर्वेद डाक्टर) डिग्री धारी किसान बिशन सिंह राजपूत (42) हैं।