बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने महात्मा गांधी को चतुर बानिया बताया था। इसके बाद इस पर लगातार प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब महात्मा गांधी के पोते गोपालकृष्ण गांधी ने भी अमित शाह के बयान पर प्रतिक्रिया दी है उन्होंने कहा कि अगर महात्मा गांधी होते तो बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान पर हंस देते। गोपालकृष्ण गांधी ने कहा कि राष्ट्रपिता अपने कार्टूनों पर हंसा करते थे। उन्होंने कहा कि चतुर बनिया टिप्पणी और इसके पीछे छिपी गलत मंशा को लेकर भी उन्हें हंसी आ गई होती। वहीं इतिहासकार रामचंद्र गुहा भी इस विवाद में कूद पड़े। इंडिया आफ्टर गांधी के लेखक और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कहा कि अमित शाह की टिप्पणी देश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी का अध्यक्ष होने के नाते अशिष्ट और बेकार है।
बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष ने रायपुर में एक सभा को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी को एक चतुर बनिया कहा था। कांग्रेस और बीजेपी के बीच अंतर को उजागर करते हुए अमित शाह ने शुक्रवार (9 जून) को कहा था कि कांग्रेस विशेष रूप से किसी भी विचारधारा से नहीं जुड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को सिर्फ देश के लिए स्वतंत्रता हासिल करने के विशेष उद्देश्य के लिए बनाया गया था। यही कारण है कि स्वतंत्रता के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस को तोड़ने की वकालत की थी। शाह ने कहा कि देश में 1650 राजनीतिक दल हैं लेकिन केवल भारतीय जनता पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी में ही आंतरिक लोकतंत्र है। उन्होंने कहा कि यहां कुछ दलों में परिवारवाद हावी है। सभी को पता है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा लेकिन बीजेपी में मेरे बाद कौन राष्ट्रीय अध्यक्ष बनेगा, किसी को भी नहीं पता। यहां काम के आधार पर पद तय होता है।
बीजेपी अध्यक्ष के इस बयान के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने शाह का विरोध किया। कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा कि महात्मा गांधी ने देश के लिए सर्वस्व न्यौछावर किया है। लेकिन उन्हें चतुर बनिया कहना राष्ट्रपिता का अपमान है तथा वणिक समुदाय का भी अपमान है। राष्ट्रपिता के बारे में आपत्तिजनक बात कहना राजनीति की स्थापित मयार्दाओं के खिलाफ है।