सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से निपटने के लिए बनाए गए एंटी रोमियो स्क्वॉड का नाम बदल दिया गया है। नए क्लेवर और अवतार के साथ उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार की इस मुहिम को अब नारी सुरक्षा बल या विमिन प्रोटेक्शन फोर्स के नाम से जाना जाएगा। एक मंत्री ने गुरुवार को इसकी पुष्टि की है। लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के अॉफिस में राजेंद्र प्रताप ‘मोती’ सिंह ने एचटी से कहा कि बहन-बेटियों का सम्मान सरकार की प्राथमिकता है। अब एंटी-रोमियो स्क्वॉड का नाम नारी सुरक्षा बल कर दिया गया है। एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक मंत्री ने नाम बदलने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन कुछ पुलिस अफसरों ने स्वीकार किया है कि एंटी रोमियो स्क्वॉड की नकारात्मक ब्रांडिंग के कारण गलत छवि बन रही थी।
महिला सुरक्षा बलों के सदस्यों के लिए आयोजित हुई वर्कशॉप्स के दौरान भी नाम बदले जाने की चर्चा हुई थी। इस दल की न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी मोरल पुलिसिंग में पड़ने के कारण आलोचना हुई थी। यूपी के डीजीपी सुलखान सिंह ने भी एेलान किया था कि एंटी रोमियो स्क्वॉड के लिए वर्कशॉप्स आयोजित की जाएंगी, जिसके बाद प्रदेश भर में अधिकारी इन वर्कशॉप्स में शामिल हो रहे हैं। आईजी नवनीत सिखेरा ने कहा कि इस ट्रेनिंग प्रोग्राम का मकसद पुलिस अधिकारियों को कैंपेन में उनकी जॉब प्रोफाइल, कम्युनिकेशन स्किल्स, हाव-भाव और कानूनी पहलुओं के बारे में बताना है। आईजी ने कहा, उन्हें यह बताया जाएगा कि उन्हें मोरल पुलिसिंग में नहीं पड़ना है और न ही जोड़ों को परेशान करना है। इस कैंपेन का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि बाजार, स्कूल, कॉलेज और सार्वजनिक जगहों पर कोई भी महिलाओं को प्रताड़ित न कर सके।
मार्च में सत्ता संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एंटी रोमियो स्क्वॉड के गठन का एेलान किया था। पुलिस ने मुस्तैदी से आदेश का पालन करते हुए राज्य के 11 जिलों में पार्कों, मॉल और कॉलेजों में मनचलों को पकड़ने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने भी यूपी सरकार के इस कैंपेन को बरकरार रखा, लेकिन कोर्ट ने चेतावनी देते हुए कहा कि पुलिस कानून के मुताबिक ही काम करे और अपने दायरे से बाहर न निकले।