उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में कथित गौरक्षकों ने शुक्रवार (12 मई) को एक बूचड़खाने पर हमला करके छह लोगों के साथ हाथापाई की। यूपी पुलिस ने छह लोगों पर पशुवध का मुकदमा दर्ज कर लिया है। पीड़ितों का आरोप है कि पुलिस ने हमला करने वाले कथित गौरक्षकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जिन लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है उनमें एक हिंदू डेयरी मालिक भी शामिल है जिसके अहाते में कथित तौर पर भैंस काटी जा रही थी।
घटना अलीगढ़ के गांधी पार्क इलाके की है। अलीगढ़ के एसएसपी राजेश पाण्डेय ने टीओआई को बताया कि डेयरी मालिक कल्लू बघेल ने कुछ लोगों से अपनी भैंस ले जाने के लिए कहा। कल्लू की भैंस बीमार थी और दूध देना बंद कर चुकी थी। एसएसपी के अनुसार पांच लोग कल्लू के घर आए और उसके डेयरी परिसर में ही भैंस काटने लगे। पुलिस के अनुसार पुलिस व्यापारी इमरान ने भैंस इस शर्त पर खरीदी कि डेयरी मालिक अपने अहाते में ही भैंस को काटने देगा।
भैंस काटने के दौरान उसका खून बहकर डेयरी से बाहर चला गया। स्थानीय निवासी ने खून देखा तो थोड़ी देर में वहां भीड़ इकट्ठी हो गयी। भीड़ ने भैंस काटने वालों के साथ हाथापाई शुरू कर दी। हालांकि पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मामले को बिगड़ने से बचा लिया। पुलिस के अनुसार डेयरी मालिक कल्लू बघेल, सोनवीर, विनोद, छोटू, बंटी और इमरान पर पशुवध का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कल्लू बघेल के परिवारवालों का आरोप है कि पुलिस पर कथित गौरक्षकों के खिलाफ कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। बघेल के बड़े भाई सुरेश कुमार ने टीओआई से कहा कि हमारा भाई पशुवध को दोषी है तो उसके संग हाथापाई करने वाले भी दोषी हैं। कल्लू बघेल की 12 वर्षीय बेटी ने बताया कि वो रोज भैंस की सेवा करती थी लेकिन उसकी तबीयत सही नहीं हो रही थी।