उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ ने मंगलवार को रात एक बजे तक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसके बाद आदित्यनाथ ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में लंबित तीन तलाक के मामले में मुस्लिम महिलाओं की राय के आधार पर प्रदेश सरकार अपना पक्ष रखेगी। उन्होंने मुस्लिम महिलाओं की राय जानने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि इसके लिए विभागीय मंत्री और मंत्रिमंडल की सभी महिला मंत्री महिला संगठनों के साथ बैठक करें। मंगलवार देर रात एक बजे तक अल्पसंख्यक कल्याण, महिला कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभागों के प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने यह निर्देश जारी किए।
योगी ने राज्य सरकार की ओर से गरीब मुस्लिम लड़कियों के सामूहिक विवाह करवाए जाने के भी निर्देश दिए। योगी ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग का प्रस्तुतीकरण के दौरान निर्देश दिया कि मदरसों के पाठ्यक्रम को आधुनिक बनाया जाए। इसमें इतिहास, भूगोल, विज्ञान, गठित, अंग्रेजी आदि की शिक्षा को भी शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि मदरसों में व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास के पाठ्यक्रम को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए। योगी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए प्रत्येक जिले में कम्युनिटी सेंटर के लिए भूमि की व्यवस्था की जाए। हज यात्रियों के लिए सभी जरूरी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं और उनकी समस्याओं का समाधान तत्परता से किया जाए।
गौरतलब है कि तीन तलाक को लेकर जारी विवाद के बीच एक के बाद इससे जुड़े मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ताजा मामला कानपुर का है जहां एक मुस्लिम महिला आलिया सिद्दकी को उसके पति नासिर खान ने शादी के तीन महीने बाद ही रजिस्टर्ड डाक से एक पत्र लिखकर तीन तलाक दे दिया। महिला के अनुसार उसके पति के पत्र में दावा किया है कि उसने शादी के दिन ही उसे पहला तलाक दे दिया है। महिला का पति सरकारी मुलाजिम है और श्रम विभाग में काम करता है। महिला की शादी नवंबर 2016 में हुई थी। नासिर खान उत्तर प्रदेश श्रम विभाग में असिस्टेंट लेबर कमिश्नर है।