उत्तर प्रदेश शासन द्वारा महिला डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर के तबादले पर विवाद खत्म होता नजर नहीं आ रहा है। बुधवार को मेरठ से बीजेपी सांसद राजेंद्र अग्रवाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि इस महिला पुलिस अधिकारी का रवैया ठीक नहीं था इसलिए उसका तबादला करना पड़ा। आपको बता दें कि बीजेपी नेता के साथ हुई बहस के वीडियो के वायरल होने के बाद उन्हें बुलंदशहर से हटाकर बहराइच भेज दिया गया था। जब मीडिया में इस बात को लेकर हल्ला होने लगा तो बीजेपी की तरफ से ये सफाई दी जा रही थी कि श्रेष्ठा ठाकुर का तबादला एक रुटीन ट्रांसफर के तहत किया गया है। उनके साथ ही 88 अन्य पुलिस कर्मियों के भी तबादले किये गए थे। अब बीजेपी सांसद के इस बयान ने फिर से इस बात को आग दे दी है कि श्रेष्ठा ठाकुर का तबादला बीजेपी नेता के साथ बहस के चलते किया गया।
श्रेष्ठा ठाकुर के तबादले का निर्णय तब लिया गया जब बीजेपी के 11 विधायक और सासंदों ने योगी आदित्यनाथ से मिलकर इसकी सिफारिश की थी। राजेंद्र अग्रवाल ने कहा कि योगी आदित्य नाथ ने पुलिसवालों को छूट दे रखी है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो करना हो करो, लेकिन श्रेष्ठा ठाकुर ने अपनी हदें पार कर दी थीं।
मेरठ के ही बीजेपी महानगर अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज के मुताबिक डीएसपी श्रेष्ठा ठाकुर का तबादला बीजेपी नेताओं के मनोबल को ऊंचा रखने के मकसद से किया गया। भारद्वाज ने ठाकुर पर सीएम और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ अपशब्द कहने के आरोप भी लगाए हैं।