उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक 10 साल का क्रिकेटर आकाश त्रिवेदी खेल के प्रति जुझारूपन की वजह से इन दिनों हर तरफ चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसा इसलिए है क्योंकि आकाश ने मां के निधन के बाद भी अपनी टीम का साथ नहीं छोड़ा और मैच खेलने के लिए मैदान पर आए। दरअसल आकाश त्रिवेदी शहर की एसएफ-11 टीम के कप्तान है जो जीएनटी अंडर-12 में भाग ले रही है। जानकारी के अनुसार आकाश की मां रेखारानी का लंबी बीमारी के बाद सोमवार (29 मई, 2017) को निधन हो गया और पैतृक गांव बिल्हौर में उनका अंति संस्कार किया गया। लेकिन दुख की इस घड़ी में कक्षा पांच में पढ़ने वाले आकाश मैदान पर आए और 39 रनों की बेहतरीन पारी खेली। हालांकि वो अपनी टीम को जीत नहीं दिला सके। क्रिकेट के प्रति आकाश की निष्ठा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मां के निधन के बाद भी उन्होंने पिता से क्रिकेट खेलने की अनुमति मांगी और क्रिकेट खेलकर मां का सपना पूरा करने की बात कही।
बता दें कि 18 साल पहले साल 1999 के वर्ल्ड कप मैच में महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने केन्या के खिलाफ शतक जमाया था। सचिन के लिए ये कोई आम मैच नहीं था। लेकिन यह वो शतक था जो सचिन को महान बनाता है। दरअसल शतक से कुछ दिन पहले सचिन के पिता का निधन हो गया था। इसके बाद भी उन्होंने टीम के लिए खेल नहीं छोड़ा। और शतक लगाकर पिता को श्रद्धांजलि दी। कुछ इसी तरफ की घटना रणजी ट्रॉफी के मैच में हुई थी जब कर्नाटक के खिलाफ मैच खेल रहे विराट कोहली के पिता का निधन हो गया। तब टीम मुश्किल में थी और कोहली बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरे। इस मैच में कोहली ने शानदार 97 रन बनाए और मैच का रुख अपनी तरफ मोड़ लिया। मैच के बाद कोहली ने शाम को पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। वहीं बीते दिनों युवा बल्लेबाज ऋषभ पंत के पिता का निधन हुआ। लेकिन उन्होंने अपने पिता की ख्वाहिश पूरी करने के लिए आईपीएल में लगातार खेलने का फैसला किया और अपनी बैटिंग से सभी का दिल जीत लिया।