विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की हरिद्वार में हुई तीन दिवसीय बैठक में विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगड़िया के सामने राम जन्म भूमि आंदोलन के अगुवा रहे महंत राम विलास वेदांती और अन्य साधु-संतों की एक नहीं चल पाई। तेज तर्रार विहिप नेता तोगड़िया केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में अपना एजंडा लेकर आए थे और अपने एजंडे को बैठक में पास कराने में सफल रहे। बैठक से एक दिन पहले ही विहिप की कोर कमेटी की बैठक में तोगड़िया ने अपने एजंडा घोषित कर दिया था। उनका मुख्य एजंडा पांच महीने के भीतर-भीतर केंद्र सरकार द्वारा राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून पास कराने के लिए दबाव बनाने का था। केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में वे अपने एजंडे पर मुहर लगाने में कामयाब रहे। भले ही महंत राम विलास वेदांती जैसे भारी भरकम साधुओं ने उनके एजंडे का विरोध किया और उनके एजंडे को उनकी निजी राय बताकर उसे रद्दी की टोकरी में डलवाने का भरसक प्रयास किया। परंतु वे सफल नहीं हो पाए। अपनी रणनीति के तहत तोगड़िया ने मार्गदर्शक मंडल की बैठक में आए कई बडे साधुओं को अपने पक्ष में गोलबंद कर दिया था। रामानंदाचार्य स्वामी राम भद्राचार्य ने तो तोगड़िया के प्रस्ताव को और आगे बढ़ाते हुए घोषणा कर दिया कि नवंबर 2018 तक अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो जाएगा। दरअसल तोगड़िया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राम मंदिर के निर्माण के लिए अब कोई मोहलत देना नहीं चाहते हैं इसलिए उन्होंने मार्गदर्शक मंडल की बैठक में कई बार लालकृष्ण आडवाणी का जिक्र करते हुए कहा कि आडवाणी की सोमनाथ मंदिर यात्रा राम मंदिर निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम था और उसके बाद अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हुई ऐतिहासिक कार सेवा राम जन्म भूमि आंदोलन का चरम था।
बैठक में तोगड़िया छाए रहे और उन्होंने दो-टूक शब्दों में कहा कि मुस्लिम पक्षकारों से राम मंदिर के बारे में बात करने से कोई फायदा नहीं है, क्योंकि सर्वोच्च न्यायालय के वार्ता करने के सुझाव को पहले ही मुस्लिम पक्षकारों ने ठुकरा दिया है। चद्रशेखर के प्रधानमंत्रित्वकाल में राम मंदिर को लेकर जो बातचीत हुई थी। उस निर्णायक वार्ता में मुस्लिम पक्ष पीछे हट गया था। अब ऐसे में मुस्लिम पक्ष से बात करने का कोई फायदा नहीं है। उन्होंने कहा कि 1984 से राम जन्म भूमि आंदोलन के प्रारंभ से ही विहिप और साधु-संत संसद में कानून बनाकर राम मंदिर के निर्माण की मांग करते आए हैं। अब वक्त आ गया है कि केंद्र सरकार संसद में तत्काल कानून बनाकर राम जन्म भूमि मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे। साथ ही तोगड़िया ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी की पैरवी करते हुए कहा कि राम मंदिर आंदोलन को लेकर आडवाणी और अन्य नेताओं और साधु-संतों ने कोई गुनाह नहीं किया है। सीबीआइ को आडवाणी समेत सभी राम जन्म भूमि आंदोलनकारियों के ऊपर दर्ज मुकदमों को वापस ले लेना चाहिए। विहिप के तीन दिवसीय केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की बैठक में गो-बंदी के लिए राष्टÑीय कानून बनाने और गो हत्यारों को आजीवन कारावास की सजा के लिए कानून बनाने की मांग केंद्र सरकार से की गई। साथ ही गौ माता को राष्ट्रीय प्राणी घोषित करने का प्रस्ताव पारित करके केंद्र सरकार को भेजा गया। सामाजिक समरसता के लिए विश्व हिंदू परिषद मार्गदर्शक मंडल ने छुआछूत मुक्त भारत बनाने का संकल्प लिया। बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि गांवों में श्मशान भूमि, तालाब, कुआं सभी जाति वर्ग के लिए समान रूप से उपलब्ध कराए जाए।