उत्तर प्रदेश के मथुरा में विधवा फुलवती (70) गोरक्षा के नाम पर मिसाल पेश की है। उसने अपनी सारी उम्र की कमाई तकरीबन 40 लाख रुपये गौशाला बनाने और धार्मिक कार्यों के लिए दान कर दी है। फुलवती मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली है। वो अपने पति की और बेटी की मौत के पांच साल बाद 1982 में कटनी से मथुरा आ गई थी। 1982 से फुलवती श्री बांके बिहारी मंदिर के गेट पर श्रद्धालुओं के जूते का ख्याल रखती है। मंदिर आने-जाने वाले श्रद्धालु अपनी इच्छा से उसे दान कर देते हैं। फुलवती अपने जीवन भर में दान से अर्जित की हुई धन और कटनी में अपनी जमीन को बेचकर एकत्र की हुई 40 लाख रुपये से गोशाला बनाने जा रही है।
फुलवती ने बताया कि वह दान के पैसों से बरसाने में एक और गौशाला बनाना चाहती है। इसके लिए वो दान के माध्यम से और अधिक धन एकत्र करने की योजना बना रही है। उन्होंने बताया, ”मैनें सारी जीवन भगवान श्री कृष्ण की सेवा की है और कृष्ण को गायों से बहुत प्रेम था। इसलिए मैं दान के पैसों से कुछ नेकी करना चाहती हूं। मैनें विचार किया है कि दान के पैसों से गौशाला बनवाऊंगी और धार्मिक कार्यों के लिए दान करूंगी।”
परिवार के बारे में पूछे जाने फुलवती ने कहा, इस दुनिया में भगवान श्री कृष्ण के अलावा और कोई नहीं है। मैनें श्री कृष्ण से जो कुछ पाया वो उन्हीं की सेवा में दान कर दी।” उन्होंने बताया कि उनका एक बेटा है जो कटनी में रहता है और कभी-कभार उससे मिलने आता रहता है। लेकिन, वापस उसके पास कटनी जाने का कोई इरादा नहीं है।
दान करने वाली महिला ने कहा कि अगर वो लंबे समय तक जीवित रही तो बरसाने में एक गौशाला बनवाएगी। उन्होंने कहा कि वो पहले इसका खुलासा नहीं करना चाहती थी। बस सारी जीवन शांति से बांके बिहारी की सेवा करना चाहती हूं। उन्होंने बताया कि उनकी सेवा और उदारता के लिए उन्हें यहां जाना जाता है।