उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में एक शख्स की मौत के बाद अजब नजारा देखने को मिला. यहां शव के अंतिम संस्कार को लेकर दो समुदायों के लोग आपस में भिड़ गए. हिंदू समुदाय के लोग उसे अपना भाई चमन बता रहे थे वहीं मुस्लिम समुदाय उसे रिजवान बता रहा था. दोनों समुदाय अपने-अपने रीति-रिवाजों से शव का अंतिम संस्कार करना चाहता था. विवाद इतना बढ़ा कि मामला थाने पहुंच गया और पुलिस की निगरानी में अंतिम संस्कार किया गया.
दरअसल, बुधवार को मुरादाबाद के थाना कटघर इलाके में किसी बीमारी के चलते एक शख्स की मौत हो गई. इसके बाद हिंदुओं ने कहा कि वह चमन है जबकि मुस्लिम लोगों ने उसे रिजवान बताकर अंतिम संस्कार करने की बात कही. दोनों समुदाय पुलिस चौकी पहुंच गए और वहां जमनकर हंगामा किया. पुलिस के काफी समझाने-बुझाने के बाद फैसला लिया गया कि शव यात्रा में दोनों समुदाय के लोग शामिल होंगे.
कुछ ऐसी थी अंतिम यात्रा
शव की अंतिम यात्रा में भी अलग ही नजारा देखने को मिला. अर्थी को कंधा देने के लिए एक तरफ टीका लगाए हिंदू तो दूसरी टोपी पहने मुसलमान दिखाई दिए. अंतिम यात्रा में अल्लाह हो अकबर और राम नाम सत्य की आवाजें सुनाई दे रही थीं. पूरा माहौल तनावपूर्ण बना हुआ था. आगे-आगे पुलिस चर रही थी और पीछे-पीछे शव यात्रा.
मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ अंतिम संस्कार
अर्थी को हिंदू रीति-रिवाज के अनुसार श्मशान घाट ले जाया गया जहां मुस्लिम भी मौजूद थे. एक तरफ चिता को अग्नि देने की तैयारी चल रही थी तो दूसरी तरफ उसे दफनाने के लिए कब्र तैयार हो रही. कई घंटों बाद देर रात जयकारा वीर बजरंगी के नारों के साथ मुस्लिम रीति-रिवाज से मृतक चमन उर्फ रिजवान का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
क्या है मामला
असल में साल 2009 में जवाला नाम की महिला का इकलौता भाई चमन गायब हो गया था. वहमानसिक रूप से कुछ बीमार था. कटघर थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई लेकिन कुछ पता नहीं चला. अपने आप को मृतक की मां बताने वाली हिंदू महिला सुनिदा ने कहा कि साल 2014 में चमन गलशहीद क्षेत्र में घूमता मिल गया. लेकिन जब वो उसे घर ले जाने लगे तो सुब्हान नाम के युवक ने उसे अपना भाई रिजवान बताकर जाने नहीं दिया. इसके बाद मामला थाने पहुंचा. पुलिस ने चमन को दोनो परिवारों को अपने पास बारी-बारी से रखने का आदेश दिया. इसके बाद चमन उर्फ रिजवान दोनों परिवारों के पास बारी-बारी से रहने लगा. इसी बीच किसी बीमारी से चमन की मौत हो गई, जिसके बाद उसके अंतिम संस्कार को लेकर दोनों परिवारों में विवाद हो गया.