उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के चकवा बुजुर्ग गांव में एक युवक ने मां काली का मंदिर बनवाया। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से करवाने की मांग को लेकर गुुरुवार सुबह फांसी का फंदा लेकर ऊंचे पेड़ पर चढ़ गया। स्थानीय लोग और अधिकारी इस सिरफिरे युवक चंद्रशेखर को आठ घंटे तक समझाते रहे। आखिर में अधिकारियों ने अपनी सूझ बूझ से युवक को पेड़ के नीचे उतारा। युवक को आगरा मानसिक रोगी अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए भेजा गया है। इटावा के उपजिलाधिकारी सुभाष चंद्र प्रजापति ने गुरुवार को यहां बताया कि स्थानीय पुलिस को सुबह 6 बजे युवक चंद्रशेखर कठेरिया के पेड़ पर चढ़ने की जानकारी मिली। युवक गले में फांसी का फंदा लगाकर पेड़ पर चढ़ गया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बुलाने की मांग करने लगा। चंद्रशेखर गले में भगवा अंगौछा डाले रहा। बसरेहर थाना पुलिस, सैफई के सीओ श्याम सुदंर ग्रोवर, इटावा के एसडीएम सुभाष चंद्र प्रजापति आदि कई वरिष्ठ अधिकारियों ने युवक को मनाने की कोशिश की।
युवक को देखने के लिए हजारों की तादाद में आसपास के लोग भी जुट गए और वो भी इस युवक से पेड़ से उतरने की दरकार करते रहे। चंद्रशेखर ने दावा किया कि उसने नौ मई को जिलाधिकारी श्रीमती सेल्वा कुमारी जे को भी प्रार्थनापत्र दिया था जिस पर उन्होंने कोई संज्ञान नहीं लिया। किसी भी तरह की अनहोनी से बचने के लिए पुलिस प्रशासन ने दमकल की गाड़ियों और कर्मियों को भी बुलाए रखा। इसके बाद भाजपा विधायक सरिता भदौरिया पहुंचीं और युवक के सामने हाथ जोड़कर पेड़ से उतरने का अनुरोध करती रहीं लेकिन युवक अपनी जिद पर अडिग रहा।
चंद्रशेखर ने विधायक से कहा कि अगर आप सुबह फोन उठा लेती तो मैं पेड़ पर नहीं चढ़ता। आठ घंटे के हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद पुलिस ने पेड़ को घेर लिया और बिजली कमर्चारियों की मदद से पेड़ पर चढेÞ और उसे उतरने की कोशिश की। चंद्रशेखर ने डंडे से हमला किया तो एक सिपाही ने डंडा पकड़ कर खींचा। चंद्रशेखर नीचे की तरफ आया और उसके गले में पड़े साड़ी के फंदा को निकल गया। तभी फोर्स ने उसे दबोच लिया। बसरेहर थाना प्रभारी जय प्रकाश ने बताया की चंद्रशेखर की मानसिक स्थिति को देखते हुए उच्च अधिकारियों के आदेश पर युवक को आगरा मानसिक रोगी अस्पताल में भर्ती के लिए भेजा है।
पेड़ पर चढ़े युवक चंद्रशेखर की मां सुशीला देवी ने बताया कि उनका बेटा मुख्यमंत्री को अपना गुरु मानता है। चंद्रशेखर ने गांव में बन रहे मंदिर का उद्घाटन मुख्यमंत्री मोदी से 1 जून को करवाने की तिथि निर्धारित की थी। पेड़ पर चढ़े चंद्रशेख्रर ने अधिकारियों से कहा कि उसने मंदिर का उद्घाटन कराने के लिए कई अफसरों ने न केवल चक्कर काटे बल्कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात लखनऊ में जाकर की। उसने दावा किया कि मुख्यमंत्री ने निर्धारित समय पर मंदिर का उद्घाटन करने का भरोसा भी दिया था लेकिन अधिकारियों ने जानबूझ कर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को फाइनल नहीं किया। लिहाजा उसने बुधवार देर शाम तक इंतजार किया था।