उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष से पूछा कि “गाय और गंगा” का मुद्दा उठाने में क्या बुराई है। शुक्रवार को वह भाजपा के सहयोगी संगठन आरएसएस के समर्थन में भी नजर आए और दावा किया कि अगर देश में आरएसएस नहीं होता तो पश्चिम बंगाल, पंजाब और कश्मीर पाकिस्तान के हो जाते। शुक्रवार को योगी आदित्यनाथ विधानसभा में राज्यपाल राम नाईक के अधिभाषण पर चर्चा का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा, “अगर आरएसएस और डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी (भारतीय जन संघ के संस्थापक) ना होते तो पश्चिम बंगाल, पंजाब और कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में होते।”
उन्होंने आगे कहा कि ऐसे संगठन पर चर्चा करना फिजूल है जिसका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। योगी ने कहा, “आरएसएस अकेला ऐसा संगठन है जो सरकार की कोई मदद नहीं लेता।” यह बताते हुए कि आरएसएस के अंतर्गत 64000 शैक्षणिक संस्थान चलाए जा रहे हैं, सीएम ने कहा, “कुछ लोग राष्ट्रगीत को सांप्रदायिकता के साथ जोड़ते हैं, लेकिन अगर आरएसएस नहीं होता तो लोग स्कूल में वंदे मातरम गाना भूल जाते।” दो दिन पहले ‘गाय, गंगा और गोरक्षा’ का मुद्दा उठाने को लेकर सरकार पर निशाना साधते हुए विपक्ष ने कहा था कि आरएसएस का देश की आजादी में कोई योगदान नहीं रहा है।
गंगा और यमुना में घटते जल स्तर पर चिंता जाहिर करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा, “उन्होंने कहा गाय और गंगा का मुद्दा उठाते हैं। क्या ये मुद्दा उठाना गलत है। गंगा हमारी मां है, गाय हमारी माता है।” मुख्यमंत्री ने अपराधियों और माफियाओं को लेकर कहा, ‘‘आदतें खराब हो गयी हैं। आसानी से छूटने वाली नहीं हैं। लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए और भयमुक्त समाज के लिए सभी कदम उठाये जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश की राजनीति का अपराधीकरण किया गया। अपराध का राजनीतिकरण किया गया। किसने किया प्रशासन का जातिकरण ? किसने किया ? ये अभिशाप है और सच्चाई भी है कि अपराधियों का व्यावसायीकरण और तबादलों का औद्योगीकरण किया गया।’’