भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के आरोपों और 1500 करोड़ की बेनामी संपत्ति के मामले में पड़े इनकम टैक्स के छापे के बाद राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव अपने विरोधियों पर हमलावर हो गए हैं। उन्होंने केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है और कहा है कि वो बीजेपी-आरएसएस से डरने वाले नहीं हैं। लालू यादव ने कहा, “बीजेपी और आरएसएस के नेता सुन लें कि मैं तुम्हें दिल्ली में तुम्हारी कुर्सी से उतारकर नीचे ले आऊंगा, चाहे मेरी स्थिति कैसी भी हो। मुझे डराने की जरूरत नहीं है।” लालू ने यह भी कहा कि बीजेपी और आरएसएस के लोग मुझसे दुश्मनी निकाल रहे हैं, जो उन्हें भुगतना पड़ेगा।
लालू यादव ने सभी भाजपा विरोधी दलों को एकजुट होने का आह्वान किया है। लालू यादव इसके लिए 27 अगस्त को पटना में ‘भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ नाम से एक बड़ी रैली का आयोजन करने जा रहे हैं। उनकी इस रैली में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तो रहेंगे ही उनके अलावा रैली में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपनी सहमति दे दी है। माना जा रहा है कि लालू यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती को भी अपने पाले में कर लिया है। मायावती ने भी रैली में आने पर अपनी सहमति दे दी है। राजनीतिक सूत्र बताते हैं कि लालू यादव ने मायावती को अगले साल संसद (राज्य सभा) भेजने का भी प्रस्ताव दिया है।
चूंकि यूपी में मायावती के विधायकों की संख्या कम है इस लिहाज से उनके चुने जाने पर वहां संशय है। उत्तर प्रदेश की सत्ता से बेदखल हुई समाजवादी पार्टी को भी लालू यादव इस मंच पर लाने की कोशिशों में जुटे हैं। कहा जा रहा है कि चूंकि लालू यादव और मुलायम सिंह यादव के बीच पारिवारिक रिश्ते हैं और यूपी चुनावों में लालू यादव ने सपा की मदद की थी, इसलिए मुलायम परिवार रैली में आने से इनकार नहीं कर सकता है। उम्मीद जताई जा रही है कि इस रैली में पिता-पुत्र यानी मुलायम और अखिलेश दोनों आ सकते हैं।
अपने दोनों बेटों तेजस्वी और तेज प्रताप के साथ लालू यादव। (एक्सप्रेस फोटो)
उधर, 17 मई को लालू यादव ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी फोन कर रैली में आने का न्योता दिया है। लगे हाथ लालू ने सोनिया से ये भी गुजारिश की है कि अगर आप न आ सकें तो बेटी प्रियंका को रैली में भेज दीजिएगा। इनके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा की पार्टी जनता दल एस, दिल्ली की सत्ता पर काबिज आप के अरविंद केजरीवाल को भी रैली में शामिल होने का निमंत्रण भेजने की योजना है। सूत्र बताते हैं कि पड़ोसी राज्य झारखंड से झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी को भी निमंत्रण दिया जा सकता है। सीपीआई, सीपीआईएम और अन्य वाम दलों के नेताओं पर भी लालू यादव मंथन कर रहे हैं।
लालू यादव ने विशाल विपक्ष को एकजुट करने के इरादे से इस रैली का आयोजन किया है ताकि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में रणनीति बनाकर भाजपा को हराया जा सके लेकिन उससे पहले उनकी एकजुटता का लिटमस पेपर टेस्ट राष्ट्रपति चुनाव में ही हो जाएगा। इधर, आक्रामक लालू ने मोदी सरकार के तीन साल पूरे होने पर नाकामियों की लंबी-चौड़ी लिस्ट मीडिया के सामने रखी है। लगे हाथ पीएम मोदी को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो इस साल होनेवाले विधान सभा चुनाव के साथ लोक सभा चुनाव कराकर दिखाएं।