विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के भतीजे ने मंगलवार को शहर कोतवाली प्रभारी को तमाचा जड़ दिया। आरक्षी लिपिक से भी हाथापाई की। कोतवाली में उसने गाली गलौज करते हुए जमकर हंगामा काटा। इससे पहले आरोपी ने जिला अस्पताल में दो कर्मचारियों से मारपीट की थी। पुलिस इसी मामले में उसे पकड़कर कोतवाली लाई थी। सभापति के भाई नरेश यादव का बेटा मोहित निवासी कासगंज रोड स्थित गुरुकुल आज कृष्णा, सोनू और दो अन्य के साथ जिला अस्पताल आया था। एक्स-रे कराने को लेकर उसका कर्मचारी ब्रह्मानंद शुक्ला और संजीव से विवाद हो गया। मोहित ने दोनों की पिटाई कर दी। जिला अस्पताल में मौजूद उपनिरीक्षक सत्यवीर मलिक ने उसे दबोच लिया। हालांकि उसके साथी भाग गए।
ऊंची पहुंच की अकड़ में मोहित
कोतवाली लाया गया मोहित ऊंची पहुंच की अकड़ में था। यहां पुलिसकर्मियों से गाली-गलौज करने लगा। कोतवाली प्रभारी जितेंद्र ङ्क्षसह ने उसे हड़काया, तो उनके गाल पर तमाचा जड़ दिया। पुलिसकर्मी कुछ समझते तब तक मोहित ने पास खड़े आरक्षी लिपिक लखन सिंह से भी हाथापाई कर दी। मोहित की जुर्रत देख पुलिसकर्मी एक पल के लिए तो सन्न रह गए। फिर मोहित को जैसे-तैसे काबू कर हवालात में बंद कर दिया। विधान परिषद सभापति के भतीजे द्वारा मारपीट की खबर लगते ही कोतवाली के बाहर भीड़ जुट गई। थोड़ी देर बाद एसएसपी सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज, एसपी क्राइम भी कोतवाली पहुंचे और आरोपी से पूछताछ की।
एसएसपी ने बताया कि आरोपी ने जिला अस्पताल के कर्मचारियों व पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला किया है। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई है। फरार साथियों की गिरफ्तारी को पुलिस दबिश दे रही है। चारों घायलों का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया है। चिकित्साकमियों ने मोहित के खिलाफ जानलेवा हमला व डकैती का मुकदमा कायम कराया है। कर्मचारियों ने दो अंगूठी और सोने की चेन भी लूट दर्ज कराई है। दूसरा मुकदमा कोतवाल द्वारा पुलिस पर हमले का दर्ज कराया गया है। सभापति रमेश यादव ने कहा है कि मोहित उनका भतीजा जरूर है, लेकिन उससे कोई संबंध नहीं है। कानून को हाथ में लेने का हक किसी को भी नहीं है। उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।