उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में चलती ट्रेन में लूट के शिकार एक मुस्लिम परिवार के लिए पत्रकार बरखा दत्त ने अपनी चिंता जाहिर की है। इस घटना से दुखी पत्रकार बरखा दत्त ने अपना एक पुराना आर्टिकल अपने ट्विटर पर फिर से पोस्ट किया है। इस आर्टिकल का शीर्षक है, ‘यदि मैं मुस्लिम होती…’।
इस लेख के जरिये पत्रकार बरखा दत्त ने देश में मुसलमानों के खिलाफ हो रही हिंसा की घटनाओं पर चिंता जाहिर की है। बरखा दत्त ने लिखा है कि अगर मैं मुस्लिम होती तो क्या इस देश में मेरी आवाज सिर्फ इसलिए नहीं सुनी जाती क्योंकि देश के राजनीतिक नेतृत्व को चुनाव जीतने के लिए मेरे वोट की जरूरत नहीं है। बरखा ने लिखा है कि यदि मैं मुस्लिम होती तो खून से सने जुनैद के चेहरे को देखकर ईद कैसे मनाती? बरखा कहती हैं कि मैं पहलू खान को देखकर खुद से क्या कहती। बरखा आगे लिखती हैं कि यदि मैं मुस्लिम होती तो मुझे ये सोचकर कैसा महसूस होता कि भारत के राष्ट्रपति द्वारा आयोजित इफ़्तार पार्टी में कोई केन्द्रीय मंत्री नहीं पहुंचा।
बरखा के इस ट्वीट पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रियाएं दी हैं, और उनपर सिर्फ मुसलमानों के हितों का ख्याल रखने का आरोप लगाया है। एक यूजर ने लिखा है, आपका ये राग पुराना हो गया, कुछ नया सोचिए, देश में मु्द्दों की कमी नहीं है।