बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी (बीएचयू) में छात्रा से छेड़खानी के विरोध में दो दिनों के धरना-प्रदर्शन के बाद शनिवार देर रात छात्र-छात्राएं उग्र हो गए. हालात बिगड़ता देख यूनिवर्सिटी को 2 अक्टूबर तक के लिए बंद कर दिया गया है. शनिवार रात करीब 10 बजे वे कुलपति जीसी त्रिपाठी के आवास के पास आकर प्रदर्शन करने लगे. उन्हें वहां से हटाने के लिए लाठीचार्ज किया गया. गुस्साए छात्र-छात्राओं ने पथराव शुरू कर दिया. न्यूज एजेंसी ANI के मुताबिक इस घटना में कई छात्र-छात्राएं और यूनिवर्सिटी के सुरक्षा गार्ड्स घायल हो गए हैं. आरोप है कि देर रात बीएचयू हॉस्टल से पेट्रोल बम भी फेंके गए.
सूचना के बाद मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिए गए. बेकाबू छात्रों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे. पूर यूनिवर्सिटी को छावनी में तब्दील कर दिया गया है. छात्राओं का कहना है कि पुलिस ने उनपर भी लाठीचार्ज किया. जिले के डीएम और एसएसपी लगातार मौके का मुआयना कर रहे हैं.
वाराणसी के एसएसपी आरके भारद्वाज ने कहा कि बीएचयू में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और एसपी (सिटी) दिनेश सिंह घटनास्थल पर मौजूद हैं. वहीं कुलपति ने इस घटना की जांच के लिए एक कमिटी का गठन किया है.
छात्राओं का आरोप है कि बीएफए थर्ड ईयर की छात्रा करीब शाम सात बजे त्रिवेणी कॉम्प्लेक्स स्थित अपने हॉस्टल लौट रही थी. तभी मोटर साइकल सवार दो बदमाशों ने उनके साथ छेड़खानी की. विरोध करने पर लोग अपशब्द बोलते हुए भाग निकले. यूनिवर्सिटी प्रशासन से शिकायत करने पर उन्होंने कहा कि शाम को बाहर जाने की क्या जरूरत थी. इसके बाद से लगातार छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन जारी है. पीड़ित छात्रा ने विरोध जताने के लिए अपने बाल मुड़वा लिए हैं.
छात्राओं का कहना है की आये दिन हमारे साथ छेड़खानी की घटनाये होती रहती है और शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती. इस बीच जिला प्रशासन ने स्थिति को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया है. मुख्य प्रॉक्टर ओ एन सिंह ने कहा कि छात्राओं से बातचीत कर समझाने का प्रयास किया जा रहा है. सभी दोषी लड़कों की पहचान कर कार्रवाई की जाएगी.