Modi is busy in the speech, the Yogi confused in the administration and stolen in the ration.
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उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में प्रधानमंत्री मोदी के चुनावी शंखनाद के बाद, यह बात तो तय है कि प्रदेश की राजनीति में पूर्वांचल का अपना एक अलग दबदबा है। मोदी सरकार द्वारा 14 जुलाई को मंदुरी में न केवल पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास किया गया बल्कि लोकसभा चुनाव-2019 को ध्यान में रखकर पूर्वांचल के विकास से जुड़ी कई अहम परियोजनाओं को क्रियान्वित करने का आश्वासन भी दिया गया। लेकिन बात यहां पर आकर अटक जाती है कि क्या मोदी और प्रदेश की योगी सरकार का सारा आकर्षण केवल चुनाव मात्र है। क्या मोदी और योगी पूर्वांचल में हो रहे भ्रष्टाचार को यूँ ही अनदेखा कर देंगे। क्या मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी को मऊ जिले में खाद्यापूर्ती विभाग में हो रहे करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार की बिल्कुल भी भनक नही है।
बरहाल हमारे द्वारा पड़ताल करने पर यह बात पूरी तरह से साफ है कि मऊ जिले में जिलापूर्ति अधिकारी व उनके अधीनस्थ कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे करोड़ों रुपये के खाद्यान्न घोटाले की शिकायत, खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग समेत उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या और जिले के प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी तक से की गई है। जिस पर योगी सरकार के इन मंत्रीयों ने अब तक कोई भी कार्यवाही करना जरूरी नही समझा। इस प्रकरण की जांच पूर्व से ही पार्थ अच्युत, उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल, वाराणसी द्वारा की जा रही है। हमारे सूत्रों द्वारा यह बात सामने आयी है कि पार्थ अच्युत, उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल, द्वारा जांच में छोटे कर्मचारियों को दंडित कर जिलापूर्ति अधिकारी से नरमी दिखाई जा रही है।
मऊ जिला, माफियाओं और अपराधियों के लिए पूरे प्रदेश में बदनाम है यहां पर सरकारी ठेकों से लेकर खाद्यापूर्ती विभाग हर जगह माफ़ियाओं का हस्ताक्षेप देखने को मिलता है। मऊ जिले में भी पिछले कई सालों से अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा माफ़ियाओं के साथ मिलकर खाद्यान्न घोटाले का खेल खेला जा रहा है। जिसका सबूत शिकायतकर्ता द्वारा हम तक भी पहुंचाया गया। लेकिन इस पर न तो खाद्य एवं रसद मंत्री अतुल गर्ग की नज़र गयी न ही खुद मुख्यमंत्री की या यूं कहें तो योगी के राज्यमंत्री खाद्य एवं रसद अतुल गर्ग पूरी तरह से फेल दिख रहे हैं। अब देखना यह है कि क्या सूबे की सरकार राज्यमंत्री अतुल गर्ग के भरोसे मऊ जिले के खाद्यापूर्ती विभाग में माफ़ियाओं और अधिकारियों के द्वारा चलाये जा रहे सिंडिकेट को तोड़ पाएगी। क्या मऊ जिले में भी गोण्डा और फतेहपुर जिले की तरह बड़े अधिकारी समेत छोटे भ्रष्ट कर्मचारी व माफिया पर कार्यवाही हो पाएगी। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि योगी सरकार के एजेंडे में गरीब भी कहीं टिकता है कि नही।