Sunday, March 24, 2024
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LDA के इंजीनियरों की काली कमाई का जरिया बने अवैध निर्माण

SI News Today

LDA engineers made black money by Illegal construction.

      

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण के आरबीओ विभाग में तैनात अफसरों और इंजीनियरों की काली कमाई का जरिया बन गए हैं शहर में चल रहे अवैध निर्माण. जिसके चलते अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाय उनसे मोटी धनउगाही प्रतिमाह इंजीनियर कर रहे हैं. बताया जाता है कि इंजीनियरों को जिस भी बड़ी बहुमंजिला ईमारत के निर्माण के दौरान उनसे नजराना नहीं भेंट किया जाता, उनके खिलाफ कार्यवाही सुनिश्चित की जाती है.

इसी का नतीजा है कि गोमती नगर योजना में कठौता झील से लेकर पत्रकारपुरम चौराहे तक आने के दौरान सड़क पर ही खुलेआम कराये जा रहे अवैध निर्माण दिखाई देते हैं. लेकिन इन अवैध निर्माणों के खिलाफ आरबीओ विभाग के इंजीनियरों ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है.जब कि इसी रोड से आने पर कई अवैध निर्माण सिर्फ इसलिए सील कर दिए गए क्योंकि उनकी भनक प्राधिकरण उपाध्यक्ष को लग चुकी थी. नतीजतन अपनी जान बचाने के लिए इंजीनियरों ने आनन-फानन में आकर उन्हें सील कर दिया.

जबकि इसी रोड पर विक्रान्तखंड में कारपोरेशन बैंक के पास चार मकान छोड़कर एक बहुमंजिला बिल्डिंग के हो रहे अवैध निर्माण के खिलाफ प्राधिकरण के संबंधित इंजीनियर ने अपने निजी स्वार्थ के चलते अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है. इसी तरह पत्रकारपुरम में आंध्राबैंक के पास चल रहे अवैध निर्माण को भी सिर्फ इसलिए कार्रवाई से अधिकारियों ने अछूता रखा है क्योंकि इससे उनका निजी स्वार्थ सिद्ध हो रहा है. और तो और अमीनाबाद वार्ड में राजरतन साडी के बगल में एक बहुमंजिला व्यवसायिक निर्माण नियमों को ताक पर रखकर कराया जा रहा है. बावजूद इसके यहाँ तैनात इंजीनियर ने अब तक इस अवैध निर्माण के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है.

गौरतलब है कि शासन के निर्देशानुसार आरबीओ विभाग में तैनात कोई भी इंजीनियर एक वार्ड में सिर्फ तीन महीने तक ही तैनात रह सकता है. बावजूद इसके प्राधिकरण में तैनात इंजीनियरों को कार्य अवधि समाप्त हो जाने के बाद भी इधर से उधर नहीं किया जा रहा है. जिसके चलते आरबीओ विभाग में तैनात इंजीनियरों के हौसले बुलंद हैं. सूबे के अन्य विकास प्राधिकरणों में पूर्व में जारी किये गए इस शासनादेश का अनुपालन किया जा रहा है, लेकिन राजधानी लखनऊ में इस आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है. बहरहाल इसी का नतीजा है कि शहर में चल रहे ये अवैध निर्माण इंजीनियरों और अफसरों कि काली कमाई का जरिया बन गए हैं.

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Ashwani
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