लखनऊ- रिवरफ्रंट में घोटाले के मामले में सीबीआई जल्द केस दर्ज कर जांच शुरू कर सकती है। सीबीआई (लखनऊ) के अधिकारियों ने प्रमुख सचिव गृह से मामले से जुड़े कई दस्तावेज इक्ट्ठा कर दिल्ली हेडर्क्वाटर को भेज दिया है। पूरे मामले में कई बड़े अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। कुछ और दस्तावेजों की थी जरुरत…
-जानकार सूत्रों के हवाले से खबर है, गृह विभाग ने जब मामले की सीबीआई जांच की संस्तुति की थी, तब शासन द्वारा कराई गई जांच से जुड़े कुछ दस्तावेज भेजे नहीं गए थे। दिल्ली की सीबीआई टीम ने इस पर लखनऊ सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच से उन दस्तावेजों को मांगा था। अब वह सभी दस्तावेज दिल्ली सीबीआई को भेजे जा चुके हैं।
अब तक इस मामले में क्या हुआ
-गोमती नदी के किनारे सुंदरीकरण के लिए रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना में पैसों की गड़बड़ियों का मामला सामने आया था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहे गोमती रिवरफ्रंट में हुए घोटाले की जांच कराने का निर्णय लिया था। सरकार ने मामले की न्यायिक जांच कराने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आलोक कुमार सिंह की अध्यक्षता में जांच समिति गठित की थी।
-समिति की जांच रिपोर्ट के आधार पर विभूतिखंड थाने में 19 जून को सिंचाई विभाग के आठ अभियंताओं के खिलाफ धोखाधड़ी, आर्थिक अनियमितता व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कराई थी। जिसमें नामजद चार इंजीनियर रिटायर्ड हो चुके हैं।
-रिपोर्ट के साथ जांच समिति की 74 पेज की रिपोर्ट भी संलग्न की गई थी। शासन ने 21 जुलाई को मामले की सीबीआई जांच कराने का फैसला किया था।जबकि योगी सरकार ने जांच रिपोर्ट के आधार पर दो वरिष्ठ अधिकारियों को आरोपपत्र भी जारी किया था।