लखनऊ: एक बार फिर एलडीए की बड़ी लापरवाही सामने आई है।गोमतीनगर के विभूतिखंड में कामर्शियल प्लाट नंबर टीसी 17 -बी को एलडीए ने श्रमविभाग को किराए पर दी थी। श्रमविभाग को जमीन पर कब्जा नहीं मिला क्योंकि इस जमीन पर नफीस अहमद नाम के व्यक्ति का कब्जा था। जब श्रम विभाग के लोग वहां गए तो उसने बताया की इस जमीन का मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
श्रमविभाग ने 45 करोड़ रूपये कीमत की इस जमीन का किराया एलडीए में जमा भी कर दिया था। जमीन पर कब्जा न मिलने के बाद श्रमविभाग ने अपनी रिपोर्ट एलडीए को सौंप दी। धीरे धीरे मामले को तीन साल बीत गए। तीन साल बाद जब श्रमविभाग ने एलडीए से अपना पैसा वापस माँगा तो मामले की जांच शुरू हुई। तब इस मामले का खुलासा हुआ। जाने क्या था मामला…
– श्रमविभाग ने एलडीए से विभागीय इस्तेमाल के लिए गोमतीनगर के विभूतिखंड में एक प्लाट किराए पर लिया था। तीन साल पहले किराए पर लिए गए इस प्लाट में श्रमविभाग को जब कब्जा नहीं मिला तो श्रमविभाग ने अपना किराए के लिए जमा पैसा एलडीए से वास माँगा।
– इसकी जानकारी जब वीसी एलडीए प्रभुनाथ सिंह को हुई तो उन्होंने मामले की जांच कराई। जांच में पता चला की जमीन किसी नफीस अहमद के कब्जे में है और उसने वह जमीन एल एंड टी नाम की कम्पनी को किराए पर दे रखी है। कम्पनी इसके बदले नफीस को 5 लाख रूपये महीना किराया दे रही थी।
– नफीस ने श्रम विभाग को बताया था की उक्त जमीन उस की है और जिसका मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
– एलडीए के वीसी ने इसकी भी जांच कराई तो मामला साफ़ हो गया। यह जमीन एलडीए की थी और इसका कही कोई मामला कोर्ट में विचाराधीन नहीं था। बाद में वीसी के निर्देश पर यह जमीन पुलिस बल की मौजूदगी में खाली कराई गई।
एलडीए के इंजीनियरों की मिलीभगत से हुआ करोड़ों का नुक्सान
– श्रमविभाग ने जिस जमीन के लिए तीन साल पहले किराया जमा कर दिया था उस जमीन पर तीन साल तक कब्जा नहीं मिला। तीन साल तक इंजीनियर मामले की जांच का हवाला देते रहे ।
– इस दौरान एक व्यक्ति इस जमीन का उपयोग कर एक करोड़ अस्सी लाख रूपये कमा लिए। यही नहीं नाम न छापने के शर्त पर एलडीए के एक कर्मचारी ने बताया की नफीस इस किराए में से एलडीए के इंजीनियर्स को भी हिस्सा देता था। जिससे यह मामला तीन साल तक पेंडिंग रखा गया।
एलडीए ने खाली कराई जमीन
– वीसी प्रभुनाथ सिंह के निर्देश के बाद एलडीए के अधिकारियों ने जमीन खाली करा ली है। एलडीए ने जमीन को किराए पर लेने वाली कमपनी को चेतावनी दी और जमीन खाली करने को कहा।
– जिसके बाद कम्पनी के लोगों ने अपना सम्मान वहां से हटवा लिया। कम्पनी के अधिकारियों ने माना की नफीस के चक्कर में वह फंस गए जिससे उन्होंने गलती से यह जमीन किराए पर ले ली थी।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
एलडीए के सचिव जयशंकर दूबे ने बताया की जमीन खाली करा ली गई है। जमीन श्रमविभाग के हैंडओवर की जाएगी। इस मामले में गुमराह करने वाले विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।