लखनऊ: 31 मई 2017 को UPSC का साल 2016 का फाइनल रिजल्ट अनाउंस हुआ। इसमें यूपी के बलिया जिले के रहने वाले शशांक शेखर सिंह ने 306 रैंक हासिल किया। 2009 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट प्रेसीडेंट रहे शशांक ने बातचीत में इंटरव्यू के दौरान पूछे गए सवालों को शेयर किया, जिनके जवाब देकर इन्होंने UPSC पास किया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी जाते ही दिखी ये प्रॉब्लम्स, इसलिए लड़ा छात्रसंघ चुनाव
– बलिया के बेरिया तहसील के गोन्हिया छपरा के रहने वाले शशांक शेखर सिंह कहते हैं, क्लास 3 तक मैं गांव के प्राइमरी स्कूल में पढ़ा, फिर मुंबई में 5th तक पढ़ाई की।
– दिल्ली के मानव भारती इंडिया इंटरनेशनल स्कूल से साल 2006 में 10th और 2008 में 12th पास किया। इसके बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। एमटेक तक की पढ़ाई कम्प्लीट की।
– मैं जब दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचा तो वहां मुझे छात्रों की कई समस्याएं दिखीं। यूनिवर्सिटी कैंपस में स्पेशल बस सेवा बंद हो गई, जिससे छात्रों को आने-जाने में दिक्कत होती थी। सिग्नेचर कैम्पेन चलाया गया, सभी छात्रों के विरोध के बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन पर दबाव बनाकर दोबारा बस सेवा शुरू हुई।
– कैंपस में कैंटीन संचालक यूनिवर्सिटी के फिक्स रेट से ज्यादा रेट पर सामान बेचता था, जिसका मैंने विरोध किया। इसके लिए पहली बार मैंने RTI का प्रयोग किया और सही रेट लिस्ट की जानकारी मिली। आखिरकार कैंटीन संचालक ने मजबूर होकर तय रेट पर सामान बेचना शुरू किया।
– इसके बाद डीयू के छात्रों ने जबरदस्ती मुझे छात्रसंघ का चुनाव लड़वाया। दिन-रात प्रचार किया। मेरी जिंदगी का वो ऐतिहासिक पल रहा, जब मैं अकेले 85 फीसदी में लड़ा और अन्य 15 फीसदी में चुनाव लड़ रहे थे। छात्रसंघ चुनाव जीतने के बाद छात्रों के कहने पर मैंने NSUI ज्वाइन कर लिया।
पापा ने कहा था- बेटा बड़ा होकर IAS बनना या सांसद
– शशांक कहते हैं, पापा ने बचपन में कहा था कि बेटा तुम बड़े होकर IAS या सांसद बनना। पापा दिनेश सिंह यूपी राज्य सेतु निगम में अभियंता हैं और मां संध्या हाउस वाइफ हैं। 2 बहनें हैं, जो अभी पढ़ाई कर रही हैं।
– बचपन में मैं रोज दादी के साथ मंदिर जाता था, अगर किसी दिन दादी मंदिर पहले चली जाती थीं, तो वो मुझे दोबारा मंदिर ले कर जाती थीं।